
रिश्वतखोरी के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। रिश्वतखोर नेताओं को भी नहीं बख्श रहे हैं। भोपाल से सटे रायसेन जिले में एक सरपंच के बेटे को पंचायत सचिव नहीं होने पर रोजगार सहायक को प्रभार दिलाने के बदले 20 हजार रुपए देने पड़े तो उमरिया जिले में भाजपा के मंडल अध्यक्ष को धान तुलाई में पल्लेदार को चार हजार रुपए अलग से देना पड़े। सरपंच के बेटे ने तो लोकायुक्त से जिला पंचायत सीईओ कार्यालय के लिपिक को पकड़वाया दिया लेकिन पल्लेदार की कलेक्टर द्वारा जांच की जा रही है। वहीं, ग्वालियर में जहां नगर निगम के दो कर्मचारियों ने एक व्यक्ति से मकान के नामांतरण के लिए दो हजार रुपए की रिश्वत मांगी तो उसे रंगेहाथों पकड़ा गया।
रायसेन जिले की टेहरीमुरपार पंचायत की सरपंच प्रभा बाई हैं जिनका बेटा हरनाम सिंह लोधी है और वह सरपंच प्रतिनिधि के रूप में मां के काम को देखता है। पंचायत में सचिव नहीं होने से वहां के काम में परेशानी आ रही थी और पंचायत में सचिव नहीं होने पर रोजगार सहायक को प्रभार दिया जाता है। इसलिए हरनाम सिंह ने अपनी पंचायत में सचिव का प्रभार रोजगार सहायक को दिए जाने के लिए जिला पंचायत के सीईओ कार्यालय में पदस्थ आशीष श्रीवास्तव को निवेदन किया था। आशीष ने रोजगार सहायक को प्रभार दिलाने के बदले में 20 हजार रुपए की मांग की तो हरनाम सिंह ने लोकायुक्त पुलिस को इसकी शिकायत कर दी। आज आशीष श्रीवास्तव को लोकायुक्त पुलिस ने रंगेहाथों रिश्वत की राशि के पास गिरफ्तार कर लिया।
भाजपा मंडल अध्यक्ष से पल्लेदार ने तुलाई करने के चार हजार रुपए
उमरिया जिले के पिपरिया मंडल अध्यक्ष सुंदरलाल यादव चार दिन पहले धान खरीदी केंद्र में अपनी धान लेकर गए थे। वहां धान तुलाई के बाद उन्हें पर्ची तब तक नहीं दी गई जब तक उनसे धान तुलाई के बदले में चार हजार रुपए नकद राशि नहीं ले ली गई। कई बार उन्होंने इसका विरोध किया लेकिन पल्लेदार ने चार हजार रुपए देने के बाद ही पर्ची दी तो भाजपा उमरिया के पिपरिया मंडल अध्यक्ष यादव दो अन्य मंडल अध्यक्षों के साथ कलेक्टर के पास पहुंचे और लिखित शिकायत की। यादव ने खबर सबकी को बताया कि उनकी शिकायत के बाद कलेक्टर द्वारा किसानों से धान तुलाई की पर्ची देने के पहले ली जा रही राशि की जांच शुरू की गई।
नामांतरण करने के लिए भी रिश्वत मांग
रिश्वतखोरी का एक मामला ग्वालियर में सामने आया, जिसमें दीनदयाल नगर के भगवानदास पंत ने नगर निगम ग्वालियर के क्षेत्रीय कार्यालय तीन में नामांतरण का आवेदन दिया था। क्षेत्रीय कार्यालय में पदस्थ कर संग्राहक गोपाल सक्सेना व सहायक रोहित कुमार ने उनसे नामांतरण के लिए दो हजार रुपए की रिश्वत मांगी थी। आज दिन में कर संग्राहक के कपड़ों मेें से रिश्वत की राशि जब्त की गई।