एमपी के लोगों को रेलवे जल्द ही नई सौगात देने वाला है। दरअसल एमपी में 262 किलोमीटर की नई रेलवे लाइन बिछाई जा रही है। ये निर्माण कार्य पूरा होने के बाद एमपी के लोग आसानी से राजस्थान आ और जा सकेंगे।
दोनों प्रदेशों के यात्रियों के लिए यात्रा करना और भी सुलभ व आरामदायक तो होगा ही, साथ ही यात्रा में लगने वाले समय की भी बचत होगी।
किराए में कमी आने से लोगों को आर्थिक बचत भी होगी. किराए में करीब 100 रुपए की कमी आने के अलावा यात्रा समय भी कम लगेगा।
भोपाल से राजगढ़-व्यावरा आने-जाने वाले यात्रियों के लिए रेलवे द्वारा दी जा रही इस सौगात के बाद यात्री 3 घंटे की जगह 1.5 घंटे में भोपाल से व्यावरा और व्यावरा से भोपाल पहुंच जाएंगे।
वहीं किराए में भी कमी आएगी। रेलवे द्वारा मध्य प्रदेश से राजस्थान तक 262 किमी लंबी भोपाल-रामगंजमंडी रेल लाइन का काम किया जा रहा है। रेलवे अगले साल 2024 तक इस लाइन के पूरा होने का दावा कर रहा है।
इन जिलों-तहसीलों को होगा फायदा-
भोपाल-रामगंजमंडी रेल लाइन का काम पूरा होने के बाद राजगढ़, व्यावरा, नरसिंहगढ़, कुरावर, श्यामपुर, दोराहा, मुबारकगंज जैसे क्षेत्रों को सबसे ज्यादा फायदा पहुंचेगा।
इसके अलावा यह लाइन बनने के बाद राजगढ़ से खिलचीपुर, के आगे, भोजपुर, घाटोली, इकलेरा, जूनाखेड़ा, झालरापाटन और रामगंजमंडी जैसे क्षेत्र के लोग भी फायदे में रहेंगे।
नई रेल लाइन के कई फायदे-
इस रूट पर नई रेल लाइन बिछ जाने के बाद इन क्षेत्रों के यात्रियों को कई तरह के फायदे होंगे। मध्य प्रदेश और राजस्थान के बीच दूरी में कमी आने के साथ ही रोजाना सफर करने वाले लोगों को बस की झंझट और ज्यादा किराए से मुक्ति मिलेगी।
राजधानी भोपाल से सीधा संपर्क होने के बाद राजगढ़ जिले में व्यापार और व्यवसाय में बढ़ोतरी देखने को मिलेगी. चिकित्सा, रोजगार और पढ़ाई से संबंधित कार्यों मे तेजी आएगी।
फिलहाल यह है रूट की स्थिति-
भोपाल-रामगंजमंडी रेलवे लाइन के 262 किमी लंबे रूट की स्थिति फिलहाल कुछ ऐसी है कि मध्य प्रदेश के सीहोर जिले में रेलवे को भूमि अधिग्रहण को लेकर काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
खिलचीपुर-व्यावरा में राजस्थान की एक निजी कंपनी द्वारा ब्रिज का निर्माण किया जा रहा। वहीं कुरावर और श्यामपुर के पास खुदाई का काम जारी है।
राजधानी भोपाल के निशातपुर इलाके से अतिक्रमण को हटाकर कार्य किया जा रहा है. राजगढ़ में रेलवे स्टेशन का कार्य किया जा रहा है. राजस्थान की बात करें तो इकलेरा और घाटोली के बीच केलखायरा क्षेत्र में दो टनल बनकर तैयार हो चुकी है।