

BJP की प्रदेश स्तरीय कोर कमेटी की बैठक भोपाल में हुई. इसमें काफी समय बाद केंद्रीय Jyotiraditya Scindia पूरे समय तक बैठे रहे. उन्होंने करीब हर मुद्दे पर अपनी बात रखी और सुझाव दिए.बैठक में जब हारी हुई सीटों पर पूर्णकालिक प्रभारियों के कामकाज का रिव्यू हुआ, तो सिंधिया ने कहा कि सभी हारी सीटों पर अभी से टिकट या प्रत्याशी तय कर देने चाहिए.इससे उन्हें काम करने का वक्त मिलेगा. उन्होंने कहा कि प्रशासनिक जमावट और बाकी काम भी उसी के कहने से किए जाने चाहिए. इससे मैसेज सही जाता है. चुनाव में इसका लाभ होता है
बीजेपी कोर कमेटी की बैठक चार जुलाई को हुई थी.इस बैठक में सबसे पहले चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने आकांक्षी (हारी हुई सीटें) विधानसभाओं का रिव्यू किया था. इस दौरान चर्चा निकली. सिंधिया ने जब यह बात कही तो वहां मौजूद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा समेत किसी भी नेता ने जवाब नहीं दिया.
बीजेपी में टिकटों की चर्चा भी तब होती है, जब केंद्रीय नेतृत्व से संकेत मिलते हैं. उसी समय प्रदेश चुनाव समिति की बैठक होती है.पहले से प्रत्याशी घोषित नहीं किया जाता. हालांकि टिकट का मसला अलग-अलग रूप में हर बैठक में आता है. बहरहाल, सिंधिया के रुख से साफ है कि उन्हें 103 विधानसभाओं की चिंता हैं. दरअसल, 2018 में बीजेपी को 121 सीटों पर हार मिली थी.इनमें से 22 सीटें बीजेपी पांच हजार के कम अंतर से उसके हाथ से निकल गई थीं. उपचुनाव के बाद अभी भी 103 सीटें ऐसी हैं, जिनपर बीजेपी पकड़ बनाने के लिये प्रयासरत है।
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