August 5, 2025
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मध्यप्रदेश के ग्वालियर शहर में एबीवीपी छात्रों की गिरफ्तारी मामले में हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच ने चीफ सेकेट्री, ग्वालियर एसपी, पड़ाव थाने को नोटिस जारी किया है। साथ ही याचिकाकर्ता को रेलवे को पार्टी बनाने का आदेश दिया है… कोर्ट ने कहा है, रेलवे प्रबंधन की कैसी व्यवस्था है, अगर यात्रा के दौरान कोई बीमार पड़ जाए, उसको स्टेशन पर एंबुलेंस की उपलब्ध नहीं कर सकता है रेलवे, जबकि किराए के नाम पर मोटी रकम वसूलता है रेलवे। अब इस मामले में अगली सुनवाई तीन सप्ताह बाद होगी। इंदौर महापौर की जनहित याचिका पर हाईकोर्ट ने ये नोटिस जारी किए गए है। दरअसल इंदौर महापौर पुष्पमित्र भार्गव ने एबीवीपी के छात्रों पर डकैती का मामला दर्ज होने पर पुलिस की कार्रवाई को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। क्योंकि ग्वालियर की पड़ाव पुलिस ने जज की गाड़ी उपयोग करने के मामले में ABVP के हिमांशु और सुक्रत शर्मा पर डकैती का मामला दर्ज कर लिया था।
पैरवी में महापौर पुष्यमित्रभार्गव ने एफ़आईआर के ख़ात्मे हेतु पक्ष रखते हुए तर्क दिये कि छात्रों के द्वारा किया गया प्रयास समाज को सिख देने वाला था…. न्यायालय से माँग करते हुए कहा की माननीय न्यायालय एसे दिशा निर्देश जारी करें , जिसमें प्रोटोकॉल में लगने वाली गाड़ियों शासकीय वाहनों का प्रयोग यदि एम्ब्यूलेंस को आने में समय है। तो किया जा सके। ताकि अच्छी से अच्छी मेडिकल सुविधा बस स्टेड रेलवे स्टेड पर त्वरित मिले। उसको लेकर प्रयास किए जाए माननीय न्यायालय ने जनहित याचिका में महापौर द्वारा उठाये गए विषय की प्रशंसा करते हुए सभी संबंधित विभागों को नोटिस जारी करते हुए अपना पक्ष और सुझाव रखने के लिए कहा है।
आपको बता दें कि 10 दिसंबर की रात VC की जान बचाने से शुरू हुआ विवाद… शिवपुरी की पीके यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर प्रो रणजीत सिंह दिल्ली से झांसी जाने के लिए ट्रेन पर सवार हुए थे, रास्ते में उनकी तबीयत बिगड़ने पर छात्रों ने उन्हें ग्वालियर रेलवे स्टेशन पर उतारा। काफी देर तक एंबुलेंस और अन्य साधन नहीं मिलने पर छात्र रेलवे स्टेशन के बाहर खड़ी एक गाड़ी में उनको लेकर गए थे। यह गाड़ी हाईकोर्ट के माननीय जज की थी और गाड़ी के चालक ने इस मामले की सूचना पुलिस को दी थी और पुलिस ने थोड़ी देर बाद जयारोग चिकित्सालय के बाहर से गाड़ी बरामद की थी। इस मामले में पुलिस ने गाड़ी ले जाने वाले छात्रों पर मामला दर्ज कर उन पर कार्रवाई की है।
बाइट: एडवोकेट मानवेन्द्र सिंह तोमर

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