July 10, 2025
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सिटी टुडे। जिला पंजीयक कार्यालय में दलालों और सर्विस प्रोवाइडर्स क्या अकेले ही धोखाधड़ी करते है जवाब है नहीं लेकिन गत दिवस कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान जी ने जिला पंजीयक कार्यालय में छापा मार कार्यवाही तो की खामियां भी मिली वो भी तब जब मैडम के आने की सूह पाकर आनन फानन में जो संभव हो सका भ्रष्ट अधिकारीयों ने ताम झाम समेट लिया लेकिन बावजूद इसके भ्रष्टाचारी के निशान मैडम की पैनी नजरों से छिप नहीं सके। उल्लेखनीय है कि मैडम कल गुरुवार को जिला पंजीयक कार्यालय पंजीयन एवं मुद्रांक का औचक निरीक्षण करने पहुँचीं थीं।

मैडम ने सख्त लहजे में निर्देश भी दिए कि सेवा प्रदाता (सर्विस प्रोवाइडर) द्वारा अचल संपत्तियों के पंजीयन (रजिस्ट्री) के लिए अपलोड किए गए दस्तावेजों की बारीकी से जाँच करें। जिस सेवा प्रदाता द्वारा दस्तावेजों में गड़बड़ी कर स्टाम्प ड्यूटी की चोरी करने की हिमाकत की जाए, उनके लायसेंस तुरंत निरस्त कराए जाएँ।

कलेक्टर श्रीमती चौहान ने जोर देकर कहा कि जमीन, मकान, दुकान व अन्य व्यवसायिक संपत्ति के पंजीयन से पहले सभी उप पंजीयक यह देखें कि सर्विस प्रोवाइडर द्वारा अपलोड किए गए सभी दस्तावेज प्रमाणित हैं कि नहीं, साथ ही यह भी सुनिश्चित करें कि जिस संपत्ति का पंजीयन होने जा रहा है उससे संबंधित कोई निर्माण सर्विस प्रोवाइडर द्वारा छुपाया तो नहीं गया है एवं इस बात की भी बारीकी से जांच करें कि जिस अचल सम्पत्ति की रजिस्ट्री होने जा रही है वह व्यवसायिक है या गैर व्यवसायिक इसके अलावा यह भी देखें कि ग्रामीण क्षेत्र में कृषि की जमीन रोड के नजदीक है तो रोड की ड्यूटी लगाकर पंजीयन करें। जो भी सर्विस प्रदाता तथ्यों को छुपाकर दस्तावेज पंजीयन कराता है उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई करें।

निरीक्षण के दौरान कलेक्टर महोदया ने स्पष्ट किया कि सर्विस प्रोवाइडर द्वारा गड़बड़ी की जाती है तो उसका पंजीयन निरस्त करने के साथ-साथ अन्य कानूनी कार्रवाई भी की जाए, अन्यथा संबंधित उप पंजीयक भी जवाबदेह होंगे।

गुरुवार को कलेक्टर श्रीमती चौहान के अचानक जिला पंजीयक कार्यालय पहुँचने पर बहुत से सर्विस प्रोवाइडर अपने कार्यालय में ताला डालकर भाग गए। हालात देख तिलमिलाई कलेक्टर मैडम ने जिला पंजीयक से सभी सर्विस प्रोवाइडर की List मांगी है। साथ ही इन सभी को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए हैं। कलेक्टर ने जिस जमीन पर सर्विस प्रोवाइडर के कार्यालय बने हैं उस जमीन की जाँच कराने के निर्देश भी दिए हैं। साथ ही कहा है कि जमीन सरकारी होने पर इन लोगों को बेदखल कर जमीन को सुरक्षित किया जाए।

निरीक्षण के दौरान उन्होंने एक सर्विस प्रोवाइडर के कार्यालय में पहुँचकर रजिस्ट्री के लिए ऑनलाइन दस्तावेज अपलोड करने की प्रक्रिया देखी। साथ ही दस्तावेजों मसलन खसरा, नक्शा इत्यादि के प्रिंट आउट निकलवाकर देखे। इसके बाद उप पंजीयक कार्यालय में पहुँचकर दस्तावेजों के पंजीयन, क्रेता-विक्रेता व गवाहों के सत्यापन की प्रक्रिया का बारीकी से जायजा लिया।

कलेक्टर श्रीमती चौहान ने सभी उप पंजीयकों को निर्देश दिए कि संपत्ति का क्रय-विक्रय कर रहे लोगों व गवाहों के पहचान दस्तावेजों की बारीकी से जांच की जाए। साथ ही शासन के प्रावधानों के तहत रजिस्ट्री की प्रक्रिया को अंतिम रूप दें। किसी भी हालत में राजस्व की हानि नहीं होनी चाहिए। उन्होंने उप पंजीयक श्री कपिल व्यास के कार्यालय के बाहर नेम प्लेट न होने पर नाराजगी जताई। साथ ही निर्देश दिए कि सभी उप पंजीयकों के कार्यालय सुव्यवस्थित हों और क्रय-विक्रय के लिये आने वाले लोगों की बुनियादी सुविधाओं का ध्यान रखा जाए। कलेक्टर ने इस दौरान जिला पंजीयक व वरिष्ठ जिला पंजीयक के कार्यालयों का भी निरीक्षण किया।

निरीक्षण के दौरान संयुक्त कलेक्टर श्री संजीव जैन, वरिष्ठ जिला पंजीयक श्री दिनेश गौतम व जिला पंजीयक श्री अशोक शर्मा सहित अन्य संबंधित अधिकारी मौजूद थे।

सेंथरी के दस्तावेज की जाँच संबंधित एसडीएम से कराई जायेगी

निरीक्षण के दौरान कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान के संज्ञान में एक ऐसी रजिस्ट्री आई है जो कृषि भूमि पर आवासीय प्लॉट के रूप में पंजीकृत की गई थी। ग्वालियर शहर के अंतर्गत ग्राम सेंथरी से संबंधित इस दस्तावेज की जाँच संबंधित एसडीएम से कराने के निर्देश उन्होंने दिए हैं। साथ ही स्पष्ट किया है कि कृषि भूमि को आवासीय जमीन के रूप में बेचकर अवैध कॉलोनी विकसित करने की कोशिश करने वालों के खिलाफ जिला प्रशासन द्वारा सख्त कार्रवाई की जायेगी।

भ्रष्टाचार का पर्याय बना जिला पंजीयक कार्यालय

ब्लू लोटस कालोनी में एक प्लाट की फर्जी रजिस्ट्री करने का मामला भी उजागर हुआ है जिसमें दलालों के गिरोह और जिला पंजीयक कार्यालय के भ्रष्ट अधिकारिओ की मिलीभगत से एक प्लाट की फर्जी रजिस्ट्री की गई है इस संबंध में धोखाधड़ी का शिकार हुए एक आवेदक द्वारा ग्वालियर पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचकर मंगलवार को जन सुनवाई में आवेदन देकर न्याय की मांग की है।

लेकिन सवाल ये है कि धडल्ले से हो रहे इस फर्जीवाड़े में आज तक कभी किसी उप पंजीयक, जिला पंजीयक पर कोई खास कार्यवाही क्यों नहीं हुई जिसके कारण जिला पंजीयक कार्यालय भ्रष्टाचार का पर्याय बनकर सामने आने लगा है।

आगे आगे भ्रष्टाचारी पीछे पीछे सिटी टुडे

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