सिटी टुडे। जीवाजी विश्वविघालय के कुलगुरू अविनाश तिवारी एवं अन्य पर ई. ओ. डब्ल्यू. में अपराध पंजीबद्व किया गया है।
ईओडब्ल्यू एसपी दिलीप सिंह तोमर ने बताया कि आवेदक अरूण कुमार शर्मा निवासी दुर्गा कालोनी मुरार के द्वारा आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ में संचालक शिवशक्ति महाविघालय ग्राम झुण्डपुरा तहसील सबलगढ़ जिला मुरैना के विरूद्ध फर्जी रूप से कॉलेज संचालित करने के आरोप पर शिकायत आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ की गई थी। जिसकी जांच आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ इकाई ग्वालियर द्वारा की गई जांच उपरांत प्राप्त साक्ष्य के आधार पर पाया गया कि शिवशक्ति महाविद्यालय ग्राम झुण्डपुरा के संचालक रघुराज सिंह जादौन द्वारा अन्य आरोपियों के साथ मिलकर कूटरचित दस्तावेज तैयार कर जिसके आधार पर कॉलेज की मान्यता एवं संबंद्धता प्राप्त कर छात्रों का फर्जी प्रवेश दिखाकर स्कॉलरशिप व अन्य मदो के लाभ प्राप्त कर शासन को आर्थिक क्षतिकारित की गई।
जीवाजी विश्वविद्यालय द्वारा महाविद्यालय के निरीक्षण के लिये प्रतिवर्ष गठित जांच कमेटी के सदस्य डॉ० एपीएस चैहान, डॉ० ए. के. हल्वे, डॉ० एस. के. गुप्ता, डॉ० एस. के. सिंह, डॉ० सी.पी. शिन्दे, डॉ० आर.ए. शर्मा, प्रोफेसर अविनाश तिवारी ( वर्तमान कुलगुरू), डॉ० के. एस. ठाकुर, ज्योति प्रसाद, डॉ० नवनीत गरूड, डॉ० सपन पटेल, डॉ० एस. के. द्विवेदी, डॉ० हेमन्त शर्मा, डॉ० राधा तोमर, डॉ० आर.पी. पाण्डेय, डॉ० एम.के. गुप्ता, डॉ० निमिषा जादौन, डॉ० सुरेश सचदेवा, डॉ० मीना श्रीवास्तव द्वारा असम्यक लाभ प्राप्त कर असत्य आधारों पर उक्त महाविद्यालय के कूटरचित निरीक्षण प्रतिवेदन तैयार कर उक्त महाविद्यालय की संबंद्धता लेने में सहयोग करने से उक्त व्यक्तियों के विरूद्व भा.द.वि धारा 420, 409, 467, 468, 120बी एवं भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 संशोधित अधिनियम 2018 की धारा 7 का अपराध प्रथम दृष्टया प्रमाणित पाया जाना दर्शित होता हैं। जांच दल के सदस्य डॉ० एपीएस चौहान की मृत्यु हो जाने से शेष डॉ० ए. के. हल्वे, डॉ० एस. के. गुप्ता, डॉ० एस. के. सिंह, डॉ० सी.पी. शिन्दे, डॉ० आर.ए. शर्मा प्रोफेसर अविनाश तिवारी, डॉ० के. एस. ठाकुर, ज्योति प्रसाद, डॉ० नवनीत गरूड, डॉ० सपना पटेल, डॉ० एस. के. द्विवेदी, डॉ० हेमन्त शर्मा, डॉ० राधा तोमर, डॉ० आर.पी. पाण्डेय, डॉ० एम.के. गुप्ता, डॉ० निमिषा जादौन, डॉ0 सुरेश सचदेवा, डॉ० मीना श्रीवास्तव एवं अन्य के विरूद्व भा.द.वि एवं भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 संशोधित अधिनियम 2018 की धारा के अंतर्गत अपराध पंजीबद्ध किया गया हैं।