July 12, 2025
Spread the love

मामला बिन्धय के रीवा का है, आईएएस की जांच रिपोर्ट से हुआ खुलासा।भोपाल…. प्रदेश में जल जीवन मिशन अफसरों के लिए कमाई की योजना बन गई है। प्रधानमंत्री की इस महत्वाकांक्षी योजना को प्रदेश के जिम्मेदार अफसर पलीता लगाने में नहीं चूक रहे हैं। यही वजह है कि यह योजना न केवल विपक्ष बल्कि सत्ता पक्ष के जनप्रतिनिधियों के भी निशाने पर बनी हुई है। यह ऐसी योजना है जिसमें एक के बाद एक घपले घोटालों का खुलासा हो रहा है। ऐसा ही एक नया घोटाला करीब सवा अरब का सामने आया है। यह बात अलग है कि इस योजना में लगातार करोड़ों के भ्रष्टाचार सामने आने के बाद भी पीएचई, जल निगम के अफसरों पर आज तक कार्रवाई होती नजर नहीं आयी है। उधर, रीवा जिले में जल जीवन मिशन में फर्जी कामों के जरिए 136 करोड़ का घोटाला सामने आया है। इधर, सरकार का दावा है कि जांच रिपोर्ट मिलने के बाद व्यवस्था में सुधार किया गया है। प्रदेश में घर-घर पीने का शुद्ध पानी पहुंचाने के उद्देश्य से 2019 को शुरू की गई जल जीवन मिशन योजना अधर में लटकी है। 2024 में मिशन का कार्य अधूरा होने के बाद केंद्र सरकार ने जुलाई 2024 में मप्र के 1271 सर्टिफाइड गांवों में सर्वे कराया। एक निजी एजेंसी द्वारा किए गए इस सर्वे में केवल 209 गांव ही मानकों पर खरे उतरे। वहीं, 217 गांवों में नल कनेक्शन तो लगाए गए, लेकिन पानी की सप्लाई शुरू नहीं हुई। 13 गांवों में नल कनेक्शन तक नहीं लगाए गए, बावजूद इसके कार्य पूरा दिखा दिया गया। 778 गांवों में जल गुणवत्ता की जांच में 390 सैंपल अमानक पाए गए। रिपोर्ट के अनुसार सबसे खबरा स्थिति रीवा, अलीराजपुर और सिंगरौली जिले के गांवों में है।आईएएस की जांच रिपोर्ट में हुआ खुलासाजल जीवन मिशन में मिली घोटाले की शिकायतों के बाद रीवा कलेक्टर के निर्देश पर सहायक कलेक्टर एवं आईएएस अधिकारी सोनाली देव की अध्यक्षता में एक जांच कमेटी बनाई गई थी। इस कमेटी में कोषालय अधिकारी आरडी चौधरी, पुष्पराज सिंह, सरदार राहुल भाई पटेल तथा सहायक ग्रेड-3 कृष्णकांत वर्मा ने अभिलेखों की जांच की। कमेटी ने संधारित्र एवं उपलब्ध कराए गए व्हाउचर्स, कैश बुक, स्टाक पंजी, वितरण विवरण, निविदा आदि का परीक्षण किया। साथ ही हैंडपंप मेंटेनेंस, विभिन्न फार्मों को किए गए साल बार भुगतान की रिपोर्ट ली। कमेटी ने जांच में पाया कि ठेकेदार को काम पूरा किए बिना ही करोड़ों का भुगतान कर उपकृत करते हुए शासकीय धन की अनियमितता की गई है।इन इंजीनियरों पर आरोपरीवा में पदस्थ कार्यपालन यंत्री शरद कुमार सिंह, प्रभारी सहायक यंत्री, एसके श्रीवास्तव, आरके सिंह, एसके सिंह, केबी सिंह, अतुल तिवारी, उपयंत्री संजीव मरकाम, संभागीय लेखाधिकारी विकास कुमार आदि ने विभिन्न मदों में अनियमितताएं करते हुए भुगतान किया। यह पूर्ण रूप से इस भ्रष्टाचार के लिए जिम्मेदार पाए गए हैं। सरकार ने अभी तक इनके विरुद्ध केवल शोकॉज नोटिस देकर इतिश्री कर ली है।कई गांवों के घरों में नहीं मिले नल और टोटीकमेटी ने हितग्राहियों के यहां एक दर्जन ग्रामों में पहुंच कर देखने में स्पष्ट पाया गया कि किसी भी गांव में पानी की सप्लाई संतोषजनक नहीं पाई गई। पाइप भी पूर्ण रूप से नहीं बिछाया गया। कई गांव ऐसे पाए गए जहां 90 प्रतिशत भुगतान हो गया, लेकिन एक भी घर में पानी की सप्लाई नहीं हुई।

About Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *