
सर्किल सब इंस्पेक्टर एवं सहायक जिला आबकारी अधिकारियों की फाइल प्रमुख सचिव के पास पहुंची। उपायुक्त संजय तिवारी को बचाने के प्रयास उच्च स्तर पर.!
इंदौर पुलिस ने अभियोजन से लिया मत अधिकारियों पर प्रकरण दर्ज करने की तैयारी
आबकारी अधिकारियों की मिलीभगत से झारखंड के फर्जी ठेकेदार निक महुआ के द्वारा की गई ₹15 करोड़ की सरकारी लूट
पर नया मोड़ आ गया है। जिला प्रशासन की रिपोर्ट पर प्रमुख सचिव ने सहायक जिला आबकारी अधिकारी एवं पूर्व के आबकारी घोटाले के आरोपी रहे राजीव द्विवेदी, एवं निलंबित सहायक जिला आबकारी अधिकारी संतोष सिंह कुशवाहा, राजेश तिवारी एवं आबकारी उपनिरीक्षक रामटेके के विरुद्ध कार्यवाही की फाइल प्रमुख सचिव के पास पहुंच गई है।
इंदौर पुलिस ने इस प्रकरण पर अधिकारियों के विषय में अभियोजन से प्रकरण के संबंध में मत प्राप्त किया जिसमें अभियोजन ने अधिकारियों की मिलीभगत स्पष्ट की है तथा सह आरोपी बनाने का पत्र दिया है।
सबसे बड़े आश्चर्य की बात यह है कि अभी तक उच्च संबंधों के कारण लापरवाह एवं निक महुआ के सहयोगी डिप्टी कमिश्नर संजय तिवारी पर सीधी जिम्मेदारी के पश्चात भी कोई कार्यवाही नहीं हुई है ।जबकि पूर्व में अत्यंत मामूली गलतियों के कारण भी असिस्टेंट कमिश्नर एवं डिप्टी कमिश्नर को निलंबित कर मुख्यालय अटैच किया गया था है। आज इस मुद्दे पर डिप्टी कमिश्नर संजय तिवारी के विरुद्ध गंभीर शिकायत लोकायुक्त, माननीय राज्यपाल, माननीय मुख्यमंत्री महोदय तथा माननीय मुख्य सचिव महोदय को की गई है।