July 14, 2025
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110.83 करोड़ रुपये के मूल्य के राशन का फर्जीवाड़ा आया सामने
रिपोर्ट की जांच के दौरान, यह पाया गया कि आठ जिलों के 49 आंगनबाडी केन्द्रों में केवल तीन स्कूल न जाने वाली लड़कियों का पंजीकरण किया गया था. हालांकि, उन्हीं 49 आंगनवाड़ी केंद्रों के तहत, डब्ल्यूसीडी विभाग ने 63,748 लड़कियों को सूचीबद्ध किया और 2018-21 के दौरान उनमें से 29,104 की मदद करने का दावा भी किया था. साफ तौर पर यहां आकड़ों में हेर फेर करके  110.83 करोड़ रुपये के मूल्य के राशन का फर्जीवाड़ा हुआ।

मध्य प्रदेश के महालेखाकार (AG) ने मिड डे मिल और बच्चों के लिए मुफ्त भोजन योजना में बड़े पैमाने पर अनियमितताओं का पता लगाया है। इसके बाद से विपक्ष राज्य सरकार पर हमलावर हो गया है। मध्य प्रदेश के एकाउंटेंट जनरल की 36 पन्नों की एक गोपनीय रिपोर्ट ने महिला बाल विकास विभाग में बड़ा घोटाला उजागर किया है। इस रिपोर्ट में सामने आया है कि करोड़ों का कई किलो वज़नी पोषण आहार कागजों में ट्रक पर आया लेकिन जांच में वो मोटरसाइकिल, ऑटो पर दिखाया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक लाखों ऐसे बच्चे जो स्कूल नहीं जाते उनके नाम पर भी करोड़ों का राशन बांट दिया गया है।

रिपोर्ट में दावा किया गया है कि छह कारखानों से 6.94 करोड़ रुपयों की लागत के 1,125.64 मीट्रिक टन राशन का परिवहन किया गया था, लेकिन परिवहन विभाग से सत्यापन करने पर पता लगा कि ट्रकों के जो नंबर दिये गये हैं उन पर मोटरसाइकिल, कार, ऑटो और टैंकर पंजीकृत हैं। रिपोर्ट के मुताबिक 2021 के लिए टेक होम राशन (टीएचआर) योजना के लगभग 24 प्रतिशत लाभार्थियों की जांच पर आधारित थे। इस योजना के तहत 49.58 लाख पंजीकृत बच्चों और महिलाओं को पोषण आहार दिया जाना था। इनमें 6 महीने से 3 साल की उम्र के 34.69 लाख बच्चे, 14.25 लाख गर्भवती महिलाएं और स्तनपान कराने वाली मां और 11-14 साल की लगभग 64 हजार बच्चियां शामिल थीं जिन्होंने किसी कारणवश स्कूल छोड़ दिया है।

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