July 12, 2025
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राजस्थान में बीजेपी गहलोत सरकार के 4 साल के शासन के खिलाफ जनाक्रोश रैली शुरू करने जा रही है। लेकिन वसुंधरा कैंप की अनदेखी से सियासी पारा  गर्माया हुआ है। वसुंधरा कैंप के नेता जनाक्रोश यात्रा से दूरी बनाए हुए है। राजस्थान बीजेपी में खींचतान को कांग्रेस ने हवा देना शुरू कर दिया है। मंत्री प्रताप सिंह खाचरियास ने का कहना है बुआ जी (वसुंधरा राजे) की अनदेखी का खामियाजा बीजेपी को उठान पड़ेगा। खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि पूर्व सीएम वसुंधरा राजे से पंगा लेना बीजेपी नेताओं को भारी पड़ेगा। खारियावास ने कहा कि राजस्थान में कोई हाथापाई तो हो नहीं रही। बयानबाजी तो पूरे देश में चलती है। इनकी बुआ जी है (वसुंधरा राजे) उनके खिलाफ बीजेपी के सारे नेता एकत्रित हो रहे है, लेकिन वसुंधरा राजे से ये जो पंगा ले रहे हैं,  वो पंगा इनको महंगा पड़ेगा।

वसुंधरा को सीएम फेस घोषित करने की मांग

बता दें राजस्थान बीजेपी में कलह कई बार खुलकर सामने आ चुकी है। पूर्व सीएम वसुंधरा राजे जनाक्रोश रैली से दूरी बनाए हुए है। वसुंधरा कैंप के माने जाने वाले नेता भी बीजेपी के मीटिंग से दूरी बनाए हुए है। वसुंधरा कैंप के नेता इस बात से नाराज बताए जार रहे हैं सीएम फेस का चेहरा वसुंधरा राजे को घोषित नहीं किया जा रहा है। जबकि वसुंधरा राजे राजस्थान बीजेपी में भीड़ खींचने वाली सबसे बड़ी नेता माना जाती है। बीजेपी की कमान सतीश पूनिया को सौंपने से भी वसुंधरा कैंप के नेता नाराज बताए जाते हैं। सतीश पूनिया ने कई अहम मौकों पर वसुंधरा राजे को नजरअंदाज किया है। इससे भी वसुंधरा समर्थक नाराज है। वसुंधरा राजे ने देवदर्शन यात्रा का निकाली थीं, तब बीजेपी संगठन ने दूरी बना ली थी। साफ जाहिर है कि राजस्थान बीजेपी में दो गुट  आमने-सामने है।

वसुंधरा कैंप को मनाना आलाकमान के लिए चुनौती 

राजस्थान में विधानसभा चुनाव 2023 में होने वाले है। ऐसे में राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि वसुंधरा राजे और सीएम गहलोत राजस्थान की राजनीति में स्वीकार्य चेहरे हैं। दोनों ही दल अगर अनदेखी करते हैं तो निश्चित तौर पर सियासी नुकसान उठाना पड़ सकता है। वसुंधरा राजे 36 कौम की नेता मानी जाती है। सभी वर्गों में वसुंधरा राजे की पकड़ है।  पार्टी आलाकमान ने पूर्व सीएम वसुंधरा राजे की नाराजगी दूर नहीं की तो पार्टी को विधानसभा चुनाव में नुकसान उठाना पड़ सकता है।

वसुंधरा राजे ने बदली ट्विटर की प्रोफाइल, जनाक्रोश यात्रा का ‘लोगो’

राजस्थान की पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने अपने ट्विटर की प्रोफाइल बदली है और टि्वटर प्रोफाइल में जनाक्रोश यात्रा का ‘लोगो’ लगाया है। बता दें, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने पार्टी के सभी नेताओं को सोशल मीडिया की प्रोफाइल में जनाक्रोश यात्रा का लोगो लगाने के निर्देश दिए थे। हालांकि, आज सुबह तक पूर्व सीएम ने डीपी नहीं बदली थी। जिसको लेकर बीजेपी के सियासी गलियारों में तरह-तरह की चर्चाएं होने लगी थी। मान जा रहा है कि दोपहर बाद डीपी बदली गई है।

गहलोत सरकार के विरोध में जनाक्रोश यात्रा 

बता दें,  गहलोत सरकार के 4 साल के कार्यकाल के विरोध में प्रदेश भाजपा की ओर से सभी 200 विधानसभा क्षेत्रों में निकाली जाने वाली जन आक्रोश यात्रा जहां 1 दिसंबर से शुरू होगी तो वहीं जन आक्रोश यात्रा के ‘लोगो’ को अब भाजपा कार्यकर्ता और नेता अपने-अपने वाहनों के साथ-साथ सोशल मीडिया प्रोफाइल में भी लगा रहे हैं। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया, नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया, उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़, सांसद किरोड़ी लाल मीणा, दीया कुमारी, रामलाल शर्मा, प्रताप सिंह सिंघवी सहित पार्टी के तमाम नेता और कार्यकर्ताओं को अपनी सोशल मीडिया प्रोफाइल में जनाक्रोश यात्रा का ‘लोगो’ लगाने के निर्देश दिए गए हैं।

वसुंधरा कैंप बनाए है दूरी 

उल्लेखनीय है कि रविवार को जन आक्रोश यात्रा यात्रा की जानकारी देने और गहलोत सरकार के खिलाफ आरोप पत्र जारी करने के लिए प्रदेश भाजपा मुख्यालय में हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में भी पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने दूरी बनाई थी। जबकि पार्टी के प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह, प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष सतीश पूनिया, नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया, उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़, सांसद राज्यवर्धन सिंह, रामचरण बोहरा सहित कई अन्य नेता भी मौजूद थे। वसुंधरा राजे कैंप के नेता लगातार पार्टी के कार्यक्रमों से दूरी बनाए हुए है।

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