
इंदौर में शराब की दुकानों पर लड़कियों को देखकर कथा के दौरान पंडित प्रदीप मिश्रा ने नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा कि ये इंदौर की बेटियां नहीं हो सकती हैं। ये बाहर से पढ़ने आईं बेटियां ही शहर की फिजा को खराब कर रही हैं। इनके मां-बाप विश्वास कर इनको यहां पढ़ने के लिए भेजते हैं, लेकिन ये यहां आकर बिगड़ जाती हैं।
दरअसल, कथावचक पं. प्रदीप मिश्रा इन दिनों इंदौर के दलाल बाग में कथा कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने मैं विजय नगर चौराहे से साया जी चौराहे की ओर जा रहा था, तभी मैंने देखा मदिरा की दुकान पर छोरे तो कम थे छोरियां ज्यादा थी… आजकल का माहौल खराब हो गया है। मैंने उनसे कहा यह जो मंदिरा की दुकान पर खड़ी है। यह मेरे इंदौर की बेटियां नहीं हो सकती हैं। दूसरे जगह से यहां आकर.. कॉलेज में एडमिशन लेकर.. कमरा किराए से लेकर यह बेटियां फिजा को खराब कर रही हैं।
पं. प्रदीप मिश्रा ने आगे कहा, यह माता अहिल्या की भूमि है और रहेगी, आज भी मां अहिल्या हाथों में शिवलिंग लेकर चलती हैं, इसे कोई नकार नहीं सकता है। इंदौर की बेटियां इतनी मर्यादा नहीं तोड़ सकती हैं कि मंदिरा की दुकान पर लाइन लगाकर शराब खरीदें। इंदौर की बेटियां आज भी बाहर जाती है तो मर्यादित कपड़े पहन कर जाती हैं, लेकिन इनको चिढ़ाने के लिए बाहर से आईं लड़कियां ऐसे कपड़े पहन कर जाती हैं, उन्हें चिढ़ाकर बोलती है जैसा हम कपड़े पहन रहे हैं, वैसा पहनो, जैसा हम कर रहे हैं वैसा करो।