
सागर में हजारों क्विंटल धान के नाम पर भूसा खरीदने के महाघोटाले का पर्दाफाश हुआ है। मामला केसली तहसील से सामने आया है जहां दिगंबर स्वसहायता खरीद केंद्र पर धान के नाम पर हजारों बोरियो में भूसा भर दिया गया। मंडी, सहकारिता और खाद्य विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से इस भूसे को किसान से खरीदी गई धान बताकर भुगतान लेने की तैयारी थी। महाघोटाले का खुलासा होने के बाद प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंचे और केंद्र को सील कर जांच की जा रही है। केसली मंडी में दिगंबर स्वसहायता समूह के खरीदी केंद्र का मामला रहली-सागर के केसली मंडी परिसर में बने दिगंबर स्वसहायता समूह खरीद केंद्र में कथित तौर पर किसानों से खरीदी गई धान की 38 हजार बोरियों में सिर्फ भूसा भरा मिला। एक स्थानीय युवक द्वारा सोशल मीडिया पर किए इस खुलासे के बाद हड़कंप मच गया। मौके पर तहसीलदार और खाद्य विभाग के अधिकारी पहुंचे और खरीद केंद्र को सील कर जांच कार्यवाही शुरू की। इस बीच खरीद केंद्र संचालक सहित कर्मचारी मौके से भाग निकले।
मंडी, सहकारिता और खाद्य विभाग के कर्मचारियों की हो सकती है मिलीभगत पूरे मंडी परिसर में रखी लगभग 38 हजार बोरियों में धान की जगह भूसा भर दिया गया था जिसे किसान से खरीदी गई धान बता कर भुगतान लेने की तैयारी थी। इस महाघोटाले में मंडी, सहकारिता और खाद्य विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत से इनकार नहीं किया जा सकता। बहरहाल खुलासे के बाद मचे हड़कंप के बीच तहसीलदार के साथ खाद्य अधिकारी पलक खरे मौके पर पहुंची और मुआयना किया। 38 हजार बोरियों में धान की जगह भूसा भरा हुआ है जिला खाद्य अधिकारी पलक खरे ने भी माना कि लगभग 38 हजार बोरियों में धान की जगह भूसा भरा हुआ है। उन्होंने कहा कि परिसर को सील कर जांच की जा रही है फिर नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी। दूसरी तरफ स्थानीय कांग्रेस विधायक और पूर्व मंत्री हर्ष यादव ने इस घोटाले के सामने आने के बाद कहा कि मामला बेहद संवेदनशील है। दोषियों पर कड़ी कार्यवाही होना चाहिए।