
सिटी टुडे, शिवपुरी। ग्वालियर बायपास से लेकर मेडिकल कॉलेज क्षेत्र के आगे तक घर बनाने का सपना अब महंगा हो गया है। दरअसल जिले में शहरी क्षेत्र की 927 लोकेशन में से 190 लोकेशन ऐसी हैं, जहां 25 फीसदी तक दाम बढ़े। वहीं कृषि क्षेत्र की बात करें तो शहर की सीमा से लगे ककरवाया और बांसखेड़ी एनएच कृषि क्षेत्र में सर्वाधिक 5 से 6 लाख हेक्टेयर दाम बढ़ा दिए हैं। पंजीयक विभाग का दावा है कि जिन क्षेत्रों में विकास की संभावनाएं हैं वहां हमने 25 फीसदी तक दाम बढ़ाए हैं। यानि घर खरीदने के साथ-साथ अब फार्म हाउस खरीदना भी कृषि क्षेत्र में महंगा हो गया है। यह दरें 1 अप्रैल 2023 से लागू हो जाएंगी।
जिला मूल्यांकन समिति को यह अधिकार रहता है कि वह जिन क्षेत्रों में विकास हो रहा है, वहां दरें बढ़ा सके। कलेक्ट्रेट में आयोजित हुई बैठक के दौरान अधिकारियों ने निर्णय लिया कि ग्रामीण क्षेत्र की 254 लोकेशन और शहरी क्षेत्र की 190 लोकेशन में 25 फीसदी तक दाम बढ़ाए जाएं। शहरी क्षेत्र की 927 लोकेशन में से 190 में 25 फीसदी दाम बढ़े : जिले में 2957 लोकेशन हैं, इनमें ग्रामीण क्षेत्र की लोकेशन 2030 और शहरी क्षेत्र की लोकेशन 927 हैं। ग्रामीण क्षेत्र की 254 लोकेशन और शहरी क्षेत्र की 190 लोकेशन में 25 फीसदी वृद्धि की गई है।
ग्रामीण क्षेत्र की कृषि भूमि में सर्वाधिक दाम एनएच ककरवाया पर 8 लाख प्रति हेक्टेयर बढ़े : ऐसा नहीं है कि केवल शहरी क्षेत्र में दरों में बढ़ोतरी की गई है। वरन ग्रामीण क्षेत्र की कृषि भूमि को भी बढ़ाया गया है। सबसे बड़ा बदलाव ग्राम ककरवाया के राष्ट्रीय राजमार्ग की जमीन पर देखा गया है, जहां अब तक 26 लाख रुपए प्रति हेक्टेयर दर निर्धारित थी, जिसे 6 लाख बढ़ाकर 32 लाख प्रति हेक्टेयर कर दिया गया है।
इसी तरह सतनवाड़ा में कृषि भूमि की दर 7 से बढ़ाकर आठ लाख, रातौर में 13 लाख प्रति हेक्टेयर से बढ़ाकर 15 लाख प्रति हेक्टेयर की दर कर दी गई है। यही नहीं ग्राम बांस खेड़ी में राष्ट्रीय राजमार्ग पर कृषि भूमि दर 25 लाख से बढ़ाकर 30 लाख प्रति हेक्टेयर कर दी गई है। यानी सबसे अधिक कृषि भूमि के दामों में बढ़ोतरी ककरवाया एनएच और बांसखेड़ी एनएच पर हुई है।
126 करोड़ का लक्ष्य, हासिल 106 करोड़, पीछे इसलिए, क्योंकि वन विभाग और राजस्व अमला आमने-सामने : जिला पंजीयक विभाग को 31 मार्च तक 126 करोड़ का लक्ष्य हासिल करना था। लेकिन वह 106.15 करोड़ का लक्ष्य ही हासिल कर सका है। जब इस संबंध में वरिष्ठ जिला पंजीयक एसएस पाल से पूछा कि वह लक्ष्य हासिल करने में पीछे कैसे रह गए तो वह बोले कि वन विभाग और राजस्व विभाग द्वारा कुछ हिस्से में लगाई गई रोक के चलते रजिस्ट्री नहीं हो सकी।
जिले के अन्य विकास खंडों में यह बदलाव
- करैरा में जहां नई कॉलोनी बन रही है, वहां 20% और नगरीय क्षेत्र की लोकेशन पर 5 से 10% तक की वृद्धि की गई है। जबकि जरगवा अव्वल में अधिकतम 25 फीसदी वृद्धि है।
- कोलारस में बसंतपुरा, मोहरा ग्राम में 10 प्रतिशत वृद्धि और बदरवास के अटलपुर, मांगरोल में 10% वृद्धि है। जबकि कोलारस के नगरीय वार्डों में 25 फीसदी तक वृद्धि की गई है।
- खनियाधाना नगरीय क्षेत्र में कोई बदलाव नहीं है। जबकि ग्रामीण क्षेत्र में राजमार्ग से लगी अछरौनी, बामोर कला, हसर्रा में 25 % तक वृद्धि है। पिछोर में ग्रामीण क्षेत्रों की कृषि भूमि पर 25 %तक वृद्धि है।
- पोहरी में नगरीय क्षेत्र में कोई विस्तार नहीं है। जबकि ग्रामीण राजमार्ग से लगे गांव में 10 से 25% तक वृद्धि और नरवर में सोन चिरैया क्षेत्र में आने वाले गांव में 10 से 20% तक वृद्धि है।