उत्तरप्रदेश के कानपुर शहर की प्रसिद्ध मिठाई दही पेड़े का स्वाद हर वर्ग की जुबां पर चढ़ा हुआ है। इस मिठाई का स्वाद स्व.सूरज प्रसाद गुप्ता ने 50 साल पहले यानी आजादी के बाद मुरार क्षेत्र के रहवासियों को दिया। उस समय ये लाल रंग के पेड़े बनाया करते थे, इसलिए कुछ समय बाद स्व. गुप्ता को लाला पेड़े वाला नाम मिल गया। इनकी मिठाई का स्वाद पूरे शहर में फैल गया। स्व. सूरज प्रसाद गुप्ता के जाने के बाद इस काम को उनके बेटे स्व. रमेशचंद्र गुप्ता ने पिता की विरासत समझकर आगे बढ़ाया। अब उनके पोते दीपू गुप्ता इस परंपरा को बखूबी आगे बढ़ा रहे हैं।
मिठाई की दुकान के संचालक दीपू गुप्ता ने बताया कि उनके बाबा आजादी के बाद व्यवसाय करने ग्वालियर के मुरार उपनगर में आकर बस गए। उन्होंने यहां मावा के पेड़े बनाकर उसे अलग स्वाद दिया। उनके बनाए पेड़ों की खासियत थी कि वह दही के साथ इसे दिया करते थे, जो अपने आप में एक प्रयोग था।
