July 15, 2025
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अब उत्तराखंड में बड़ी संख्या में गैर कानूनी मजारें बनाकर सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण किया जा रहा है. आज अगर आप उत्तराखंड में जाएंगे तो दोनों तरफ सड़क के किनारे आपको बड़ी संख्या में मजारें नजर आएंगी. ऐसे में बड़ा सवाल ये है कि आखिर सरकारी जमीन पर इतनी मजारें बन कैसे गईं..

देवभूमि उत्तराखंड अपने खूबसूरत पहाड़ों, मौसम और नजारों के लिए मशहूर है. लेकिन आज का उत्तराखंड थोड़ा बदल गया है. अब उत्तराखंड में बड़ी संख्या में गैर कानूनी मजारें बनाकर सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण किया जा रहा है. आज अगर आप उत्तराखंड में जाएंगे तो दोनों तरफ सड़क के किनारे आपको बड़ी संख्या में मजारें नजर आएंगी. इस नए तरह के अतिक्रमण को समझने के लिए पहले आपको ये जानना होगा कि एक मस्जिद और एक मजार में क्या अंतर होता है? 

मस्जिद का मतलब उस प्रार्थनास्थल से है, जहां मुसलमानों द्वारा इबादत की जाती है. जबकि मजार का अर्थ, उस स्थान से है, जहां किसी व्यक्ति की कब्र या समाधि होती है. मजार अरबी भाषा का एक शब्द है, जिसमें जा-र का मतलब होता है ‘किसी से मिलने के लिए जाना.’ आसान भाषा में समझा जाए तो मजार किसी सूफी संत या पीर बाबा की उस कब्र को कहते हैं, जहां लोग जियारत करने के लिए आते हैं. जियारत का मतलब होता है, उक्त जगह या समाधि के दर्शन करने आना.

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