उत्तराखंड के युवा अवसरों की तलाश में गांव को छोड़कर शहरों की ओर तेजी से पलायन कर रहे हैं लगभग 700 गांव मानव विहीन हो चुके हैं,जहां कोई नागरिक नहीं रहता है। इनमें से कुछ गांव है ऐसे भी हैं जो भारत की सीमा के नजदीक है और वहां से लोगों का पलायन राष्ट्रीय सुरक्षा और संरक्षा के लिए चिंतनीय विषय है। पिछले १० वर्षों में उत्तराखण्ड से ५ लाख लोगों ने पलायन किया है ।
पब्लिक रिलेशंस सोसाइटी ऑफ़ इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ अजीत पाठक ने मुख्य मंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी से मिलकर सुरक्षा और विकास के लिए उत्तराखंड संवर्धन योजना का प्रारूप प्रस्तुत किया । डॉ पाठक ने राज्य सभा सांसद श्री नरेश बंसल तथा उत्तराखण्ड सरकार के सचिव डॉ वी वी आर सी पुरशोत्तम से भी भेंट की और प्रस्ताव की विस्तृत रूप से जानकारी दी जिसके द्वारा
उत्तराखंड में रोजगार और व्यवसाय के अवसर पैदा किए जा सकेंगे ।
विलुप्त होते गाँवों को जीवंत बनाने के अनेकों सुझाव इस प्रस्ताव के माध्यम से दिये गए है :
- वृहद् रूप से स्किल डेवलपमेंट सेंटरों की स्थापना जिसमें निम्नलिखित क्षेत्रों को प्राथमिकता दी जाए :
⁃ आर्मी / पुलिस / सुरक्षा गार्ड ( सेवा निवृत सैन्य अफ़सरों की निगरानी में युवाओं को फ़ौज में जाने के लिए विभिन्न प्रशिक्षण प्रदान किए जाएँ ) - होटल मैनेजमेंट , कैटरिंग और टूरिज्म से जुड़े हुए कोर्स यहाँ शुरू किए जायें और उनमें प्रवेश की तैयारी के लिए भी कोचिंग इंस्टिट्यूट प्रोत्साहित किए जाएँ ।
- मार्केटिंग और सेल्स में उत्तराखंड के युवा बड़े सामर्थ्यवान है तथा पूरे देश में उनकी अच्छे व्यवहार के लिए पहचान है । विभिन्न स्तरों के लिए युवाओं को यहाँ प्रशिक्षित किया जाए ।
- फुटबॉल , हॉकी , कुश्ती तथाजिमनास्टिक जैसे खेलों के लिये यहाँ प्रशिक्षण केंद्र स्थापित किए जाएँ । महिलाओं के लिए भी खेल प्रशिक्षण की विशेष व्यवस्था की जायें ।
- वैदिक ज्ञान और ब्रह्म कर्मों के ज्ञान को जीवित रखने में , उत्तराखण्ड महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकता है । यहाँ के ज्ञानी पंडित पूरे देश की ज़रूरतों को पूरा कर सकते हैं ।
- आयुर्वेदिक चिकित्सा और पारंपरिक दवाओं के क्षेत्र में उत्तराखण्ड अन्य राज्यों से बहुत आगे है और यहाँ प्रशिक्षित चिकित्सक भारतीय चिकित्सा परंपराओं को जीवंत रखने में मददगार हो सकते हैं।
- योग के ज्ञान को आज पूरे विश्व से मान्यता मिली है तथा इन सीमांत क्षेत्रों में व्याप्त शांति योग प्रशिक्षण के लिए देश और विदेश से लोगों को आकर्षित करेगी ।
- हाइड्रो एवं अन्य बिजली उत्पादन परियोजनाओं के लिए सक्षम रूप के मानव संसाधन को तैयार करने के लिए विशेष स्किल डेवलपमेंटसेंटर विकसित किए जायें जो पूरे विश्व को पावर उत्पादन के लिए योग्य कर्मी उपलब्ध करा सकेंगे ।
- उत्तराखण्ड में लोक संगीत एवं फ़िल्म संगीत के विकास की प्रबल संभावनायें हैं जिनके प्रोत्साहन के लिए यहाँ प्रशिक्षण और रिकॉर्डिंग की सुविधाओं के द्वारा नये समीकरण बनाये जा सकते हैं । फ़िल्मों की शूटिंग के लिए भी ये स्थान फ़िल्म निर्माताओं को आकर्षित करेंगे ।
- पहाड़ों से जुड़े स्पोर्ट्स को वृहद् रूप से बढ़ावा दिया जाये ।
- सरकार से जुड़े कुछ विभागों / प्रशिक्षण केंद्रों को इन क्षेत्रों में भेजा जाये ।
- Work from Home Centres कोविड के बाद से नये स्वरूप में आये कॉर्पोरेट जीवन में वर्क फ्रॉम होम ने एक नई जीवन शैली को जन्म दिया है । बड़े शहरों से हज़ारों युवा , जो जीवन की भागदौड़ से थक गए हैं , ऐसे प्राकृतिक सौंदर्य वाले स्थानों पर जा कर काम करना चाहेंगे ; सवाल है उनके साफ़- सुथरे जीवन , बिजली और वाई- फ़ाई जैसी सुविधाओं को मुहैया कराया जाए ।
पब्लिक रिलेशंस सोसाइटी ऑफ़ इंडिया ( देहरादून चैप्टर ) के अध्यक्ष श्री अमित पोखरियाल और सचिव श्री अनिल सती ने योजना के कार्यान्वयन के लिए सभी प्रयास करने का संकल्प लिया है ताकि उत्तराखण्ड को और सुरक्षित और खुशहाल बनाया जा सके ।