
एडवोकेट सोमशेखर सुंदरेशन (Somasekhar Sundaresan) को बॉम्बे हाईकोर्ट का जज नियुक्त करने की फाइल डेढ़ साल से केंद्र सरकार के पास धूल फांक रही है। सरकार ने एक बार फिर सुंदरेशन को जज बनाने को मंजूरी नहीं दी। जबकि सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने सुंदरेशन के बाद (2 मई, 2023) को बॉम्बे हाईकोर्ट के लिए को जो 3 नाम भेजे थे, उसे मंजूरी दे दी है। इनमें शैलेश प्रमोद ब्रम्हा, फिरदौश फिरोज पूनावाला और जितेंद्र शांतिलाल जैन के नाम शामिल हैं।
क्या है सुंदरेशन का केस?
बॉम्बे हाईकोर्ट कॉलेजियम ने अक्टूबर 2021 को सोमशेखर सुंदरेशन का नाम सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम को भेजा था। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने फरवरी 2022 को पहली बार केंद्र सरकार को सुंदरेशन का नाम भेजा, लेकिन नवंबर 2022 में सरकार ने अपनी आपत्ति जताते हुए सुंदरेशन का नाम लौटा दिया था और इस नाम पर दोबारा विचार करने को कहा था। केंद्र सरकार ने अपनी आपत्ति में खुफिया एजेंसी रॉ और आईबी की रिपोर्ट का हवाला भी दिया था। जिसमें कहा गया था कि सुंदरेशन ने सोशल मीडिया पर लंबित मुकदमों पर अपनी राय रखी थी।
सुप्रीम कोर्ट का पक्ष
सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम (Supreme Court Collegium) ने इसी साल 18 जनवरी को केंद्र सरकार की आपत्तियों का सिलसिलेवार जवाब देते हुए, IB और RAW की रिपोर्ट भी सार्वजनिक कर दी थी। कॉलेजियम ने कहा था कि किसी भी मामले पर किसी अभ्यर्थी की राय उसकी अयोग्यता का कारण नहीं बन सकता है। देश के प्रत्येक नागरिक को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार है। सुंदरेशन की सोशल मीडिया पोस्ट से यह साबित नहीं होता है कि वह पक्षपाती हैं अथवा किसी खास राजनीतिक पार्टी या विचारधारा की तरफ उनका झुकाव है।