संसद में जारी शीतकालीन सत्र के दौरान बुधवार को एक बड़ा हादसा हुआ। दो अनजान लोग संसद की कार्यवाही के दौरान ही दर्शक दीर्घा से संसद की गैलरी में कूद गए। दोनों प्रदर्शनकारियों ने अपने इस हंगामे के दौरान संसद में स्मोक बम का इस्तेमाल किया और पूरी पार्लियामेंट को धुआं-धुआं कर दिया। स्मोक बम की बात करें तो वर्तमान में अलग-अलग तरह के स्मोक बम देखने को मिलते हैं, जिनसे रंगीन धुआं निकलता है। बुधवार को संसद में जो स्मोक बम का अटैक हुआ, उसमें भी पीला और लाल रंग का धुआं निकलता हुआ दिखाई दिया, जो संसद भवन के भीतर और फिर बाहर जब प्रदर्शनकारियों को पकड़कर ले जाया गया था, उस वक्त दिखाई दिया।
स्मोक क्रैकर एक तरह का हानिकारक पटाखा है जिसका इस्तेमाल उत्सव में तो किया ही जाता है साथ ही साथ इमरजेंसी के दौरान सिग्नल देने में भी इसे इस्तेमाल में लाया जाता है। यह कई कलर ऑप्शंस में आता है और इससे कई किलोमीटर दूर से भी सिग्नल दिया जा सकता है। स्मोक क्रैकर वैसे तो खतरनाक नहीं होता है लेकिन इस से अगर छेड़छाड़ की जाए तो यह खतरनाक भी साबित हो सकता है। देखने में यह किसी ग्रेनेड जैसा लगता है और कई लोग इसका इस्तेमाल फेक कर भी करते हैं। मार्केट में इसकी कीमत ₹500 से लेकर ₹2000 तक होती है। संसद में इसका इस्तेमाल प्रदर्शनकारियों ने किया है और इस दौरान स्मोक क्रैकर से रंगीन धुआं निकलता देखा गया है।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा, “सदन में कूदने वाले दोनों लोगों को पकड़ कर सारी सामग्री जब्त कर ली गई है, संसद भवन के बाहर प्रदर्शन कर रहे दो लोगों को भी पकड़ा गया है”
गौरतलब है कि सदन में शून्यकाल के दौरान दोपहर करीब एक बजे दर्शक दीर्घा से दो व्यक्ति सदन में कूदे और इनमें से एक व्यक्ति एक मेज से अगली मेज पर तेजी से कूदते हुए आगे की ओर भाग रहा था। सुरक्षाकर्मियों और कुछ सांसदों ने उसे घेर लिया। बाद में दोनों को पकड़ लिया गया। पीठासीन सभापति राजेंद्र अग्रवाल ने कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी थी जिसे बाद में पुनः बहाल किया गया है।
संसदीय कार्रवाई के दौरान उपस्थित कुछ सांसदों ने बताया कि सदन में कूदने वाले व्यक्तियों ने कुछ ऐसे पदार्थ का छिड़काव किया, जिससे गैस फैल गई। कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी का कहना है कि सदन में दो लोग कूदे। समाजवादी पार्टी के सांसद एस टी हसन ने कहा कि दर्शक दीर्घा से दो लोग लोकसभा कक्ष में कूदे और जूते से कुछ ऐसी चीज निकाली, जिससे गैस फैलनी शुरू हो गई।
उन्होंने कहा, “यह गैस कैसी थी, यह कोई जहरीली गैस तो नहीं थी। हमें संसद की सुरक्षा में भारी गंभीर खामी नजर आ रही है। इस तरह से तो कोई जूते में बम रखकर आ सकता है” हसन ने कहा कि इस तरह की सुरक्षा चूक पर आगे ध्यान देने की जरूरत है। संसद की सुरक्षा में चूक की यह घटना 2001 में संसद पर हुए आतंकी हमले की बरसी के दिन हुई है।
युवक अपने जूते में छिपाकर स्मोक बम लाया था। उसने पीले रंग का धुआं छोड़ा। मैसूर के सांसद प्रताप सिम्हा के जरिए पास बनाकर युवक संसद भवन तक पहुंचा थ। आरोपी युवक का नाम सागर है। जबकि एक महिला और एक युवक ने संसद भवन के बाहर प्रदर्शन किया। युवक का नाम अमोल शिंदे है जो महाराष्ट्र के रहने वाला है। युवती की पहचान नीलम के रूप में की गई है जो हरियाणा की रहने वाली है। दिल्ली पुलिस की एंटी टेरर यूनिट स्पेशल सेल पार्लियामेंट के अंदर हंगामा करने वालों से पूछताछ कर रही है।
पहचान उजागर
सागर शर्मा: स्मोक स्टिक लेकर विजिटर्स गैलरी से नीचे कूदा। बैंचों पर छलांग लगाते हुए आगे की तरफ बढ़ने लगा। सांसदों ने दबोचा। पुलिस के हवाले किया।
मनोरंजन: लोकसभा में सागर शर्मा के साथ मौजूद थे। ये भी विजिटर्स गैलरी से नीचे कूदा था।
अमोल शिंदे: महाराष्ट्र के रहने वाला। जब अंदर हंगामा चल रहा था, तब इन्होंने बाहर स्मोक बम फोड़ा और नारे लगाए।
नीलम: हरियाणा के हिसार की रहने वाली। संसद भवन का बाहर हंगामा किया। मणिपुर में हिंसा रोको, महिलाओं के खिलाफ हिंसा रोको, जय भीम, भारत माता की जय जैसे नारे लगाए।
22वीं बरसी पर लोकसभा में सुरक्षा चूक
बता दें कि, आज संसद में हुए हमले की 22वीं बरसी है। ऐसे में संसद के लोकसभा में सुरक्षा को लेकर हुई इस चूक ने सबको परेशान कर दिया। 22 साल पहले आज ही के दिन संसद परिसर में दिन लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद संगठनों के पांच हथियारों से लैस आतंकवादियों ने संसद परिसर पर हमला कर नौ लोगों की हत्या कर दी थी।