
मध्य प्रदेश में उच्च न्यायालय द्वारा अप्रैल 2016 में आरक्षण अधिनियम 2002 को रद्द किए जाने की आदेश के बाद प्रदेश के कर्मचारियों को पदोन्नति नहीं दी गई।सिटी टुडे को प्राप्त जानकारी अनुसार मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव जिनके पास सामान्य प्रशासन तथा विधि विभाग दोनों हैं के द्वारा प्रदेश के कर्मचारियों को पदोन्नति दिए जाने के लिए शासन स्तर पर रास्ता निकालने के लिए निर्देश दिए गए थे।बताया जाता है कि 17 सितंबर को उच्च न्यायालय खंडपीठ दोबारा जारी किए गए एक आदेश को आधार मानते हुए राज्य शासन ने हाल ही में 129 कर्मचारियों को इस शर्त पर पदोन्नति दी है कि यह पदोन्नति उच्चतम न्यायालय में लंबित एसएलपी 13954/2016 के निर्णय की अधीन रहेगी।प्राप्त जानकारी के अनुसार तमाम कानूनी उलझनों के बीच विधि विभाग के प्रमुख सचिव नरेंद्र प्रताप सिंह द्वारा जारी आदेश के तहत 129 कर्मचारियों को पदोन्नति दिए जाने के बाद अन्य विभागों के लिए अपने कर्मचारियों को पदोन्नति दिए जाने का रास्ता खुल गया है।प्राप्त जानकारी अनुसार मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव इस संबंध में जल्दी ही शासन स्तर पर अन्य विभागों को पदोन्नति दिए जाने के लिए अपने सहमति देकर आदेश जारी करने के लिए जल्दी निर्देश जारी करेंगे मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए निर्देशों के बाद मध्य प्रदेश के सारे 7 50 लाख कर्मचारियों को पदोन्नति की जा सकेगी।

