आय से अधिक सम्पत्ति के मामले में 11 अगस्त तक देनी होगी रिपोर्ट
सिटी टुडे। यूँ तो परिवहन विभाग के मुखिया अर्थात आयुक्त मुकेश जैन स्वयं भ्रष्टाचार के तमाम आरोपों के चलते विवादों से घिरे होने के कारण प्रदेशभर में सुर्खियों में बने हुए हैं ठीक इसी प्रकार उनके शागिर्द भी भ्रष्टाचार की इबारतें लिख रहे हैं। आज हम आपको अवगत करा रहे हैं कि हमेशा विवादों में रहने वाले आयुक्त की विशेष कृपा प्राप्त एआरटीओ संतोष पाल के बारे में जो एक बार फिर सुर्खियों में हैं। गौरतलब है कि आय से अधिक संपत्ति के मामले में एआरटीओ संतोष पाल और उनकी पत्नी रेखा पाल के खिलाफ लोकायुक्त और ईओडब्ल्यू की विशेष अदालत ने जांच के आदेश दिए हैं। एआरटीओ संतोष पाल का अपने गुरुवर की तरह विवादों से पुराना नाता रहा है। ज्ञात हो कि संतोष पाल बीजेपी के पूर्व विधायक हरेंद्रजीत सिंह से भी भिड़ चुके हैं यही नहीं एक गरीब ऑटो वाले को धमकी देते हुए भी एआरटीओ का वीडियो खूब वायरल हुआ था।आपको बता दें कि एआरटीओ संतोष पाल और उनकी पत्नी एलडीसी रेखा पाल के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के आरोप लगे हैं। इसी को लेकर पिछले दिनों ईओडब्ल्यू और लोकायुक्त की विशेष अदालत में एक परिवाद दायर किया गया था जिस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने दोनों पति पत्नी के खिलाफ जांच के आदेश दिए हैं, कोर्ट ने ईओडब्ल्यू के एसपी को कहा है कि जांच रिपोर्ट 11 अगस्त 2022 तक पेश करें। बता दे कि जबलपुर निवासी धीरज कुकरेजा और स्वप्निल सराफ ने परिवाद दायर कर दोनों खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का आरोप लगाया था जिस पर अधिवक्ता मनीष मिश्रा ने कोर्ट को दलिल देते हुए कहा कि, आरटीओ पर इस तरह का आरोप लगना बेहद गंभीर है लिहाजा इसकी जांच की जानी चाहिए जिस पर न्यायाधीश ने सहमति जारी करते हुए इस पूरे मामले में जांच की आदेश दिए हैं।
विवाद और एआरटीओ का चोली दामन का साथ : पिछले दिनों एक ऑटो वाले को धमकी देते हुए भी आरटीओ का वीडियो भी सामने आया था। इसे लेकर आरटीओ की काफी फजीहत का सामना करना पड़ा था। हालांकि उस वक्त भी कोई कार्रवाई नहीं हुई थी। जबकि ऑटो वालों ने आरटीओ के खिलाफ़ काफ़ी प्रर्दशन भी किया था।
विधायक से भी हो चुका है विवाद: प्रभारी आरटीओ संतोष पाल का विवादों से पुराना नाता है। बीजेपी के पूर्व विधायक हरेंद्रजीत सिंह से भी भिड़ चुके हैं संतोष पाल। काफी वक्त पहले संतोष पाल ने पूर्व विधायक से हुई बातचीत की रिकॉर्डिंग वायरल कर दी थी। जिसके बाद पूर्व विधायक को भारी फजीहत का सामना करना पड़ा था। और आलम ये हुआ था कि, मजबूरी में आरटीओ को हटाने के लिए पूर्व विधायक द्वारा चलाया जा रहा धरना वापस लेना पड़ा था।
बस ऑपरेटरों से भी हो चुका है विवाद :उल्लेखनीय है कि इससे पहले एआरटीओ का बस परमिट, फिटनेश जैसे तमाम बातों को लेकर बस ऑपरेटरों से भी विवाद हो चुका है। खुद को वो परिवहन मंत्री का खास बताते हैं। एआरटीओ संतोष पाल के इस बद्जुबानी ने राजनीतिक रंग भी ले लिया है। एक ऑटो ड्राइवर को जिस निम्न शब्दों में वह धमका रहे हैं उससे विभागीय कार्यप्रणाली को भी कटघरे में खड़ा कर दिया है।
परिवहन आयुक्त मुकेश जैन की संतोष पर विशेष कृपा : संतोष पाल पर कई मामलों की जांच लंबित है परंतु आयुक्त मुकेश जैन अपने इस शागिर्द के रखवाले बनकर इनसे जुड़े मामलों की जांच की गति को थामे हुए है जिसके चलते संतोष अपने गुरुवर के स्वार्थों की पूर्ति बखूबी करते रहते है और अपनी भ्रस्ट कार्यप्रणाली के कारण नित्य विवादों में रहकर विभाग को बदनामी की कालिख लगा रहे है, लगाएं भी क्यों न जब सैंया भए कोतवाल सो डर काहे का।