सिटी टुडे। यह तस्वीर दतिया जिला अस्पताल की है। इस अस्पताल में सुविधाएं तथा व्यवस्थाएं कितनी खराब हैं तस्वीर स्वयं बयान कर रही है। कहने को तो अस्पताल में 100 से ज्यादा स्ट्रेचर हैं लेकिन कहां हैं यह किसी को नहीं पता, स्ट्रेचर ढूंढ़ने से भी नहीं मिलते हैं। तस्वीर में दिखाई दे रही महिला भांडेर निवासी कुसमा कुशवाहा हैं। कुसमा रविवार शाम अचानक बीमार हो गईं। इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया। सोमवार को दोपहर 12 बजे डॉक्टरों ने कुसमा को डिस्चार्ज किया।
लेकिन कुसमा की हालत ऐसी नहीं थी कि वे खुद पैदल चल सकें। कुसमा के बेटे ने सभी जगह स्ट्रेचर देखा और जब कहीं नहीं दिखा तो अपनी मां को गोद में उठाकर वार्ड से सीड़ियों के रास्ते नीचे लेकर आए और यहां से अस्पताल के गेट तक पैदल गोद में ही ले गए। गेट के बाहर ऑटो से घर गए। इसी तरह मरीजों को उनके अटेंडर हाथ में, कंधे पर लादकर ले जाते हुए देखे जाते हैं।
दतिया कलेक्टर संजय कुमार के बार-बार अल्टीमेटम के बाद भी जिला अस्पताल की व्यवस्थाएं सुधारने का नाम नहीं ले रही। यहां लोगों को मेडिकल सुविधाएं तो दूर स्ट्रेचर भी मुहैया नहीं हो पा रहे। इससे पूर्व भी कलेक्टर कई बार स्वयं अस्पताल का आधिकारिक निरीक्षण, व अनायास निरीक्षण भी करते रहे है। कलेक्टर महोदय 26 जुलाई की रात 10 बजे अचानक निरीक्षण करने निकले थे तब उन्हें इस दौरान उन्होंने अस्पताल परिसर में घूम रहे एक आपत्तिजनक युवक को पकड़कर अस्पताल चौकी के सुपुर्द किया था। साथ ही अस्पताल की अवस्था देख अस्पताल स्टॉफ को जमकर फटकार भी लगाई। इसके बावजूद भी अस्पताल की व्यवस्था में कोई सुधार नहीं है।