भारत में ट्रेनों के पटरी (Train Derail) से उतरने की घटनाएं होती रहती हैं. लेकिन रेलवे के सर्वोच्च अधिकारी ने अपने एक अधीनस्थ अधिकारी को गजब का फरमान दिया है. आंध्र प्रदेश की अराकू घाटी में खतरनाक कोठवलसा-किरंदुल सिंगल लाइन में मालगाड़ी के पटरी से उतर जाने से रेलवे बोर्ड के चेयरमैन काफी नाराज थे. इसके बाद चेयरमैन अनिल कुमार लाहोटी ने जोनल डिवीजनल हेड से कहा कि आप साइट पर ही रहें और निर्देश दिया कि समाधान की तलाश करें अन्यथा मुझे शक्ल न दिखाना.
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार बुधवार शाम को भारतीय रेलवे के सुरक्षा पहलुओं की समीक्षा के लिए एक देशव्यापी बैठक में यह निर्देश जारी किया गया है. जिसमें समस्त भारत के पूरे रेलवे बोर्ड, महाप्रबंधकों और मंडल रेल प्रबंधकों ने हिस्सा लिया था. 17 फरवरी को कोठवलसा-किरंदुल सिंगल लाइन पर मालगाड़ियों के आठ डिब्बे पटरी से उतर जाने पर चर्चा करते हुए स्थानीय मंडल रेल प्रबंधक ने सिंगल लाइन की अनूठी ढाल की ओर इशारा किया, जो सुरंगों और जोखिम भरे इलाकों से होकर गुजरती है.
सूत्रों ने कहा कि अधिकारी से असंतुष्ट लाहोटी ने अधिकारी को विशाखापत्तनम से लगभग 90 किमी दूर साइट पर जाने का निर्देश दे दिया. लाहोटी ने कहा कि जब तक समाधान नहीं मिल जाता तब तक साइट पर ही रहें. वहीं वाल्टेयर के डीआरएम एके सत्पथी ने कहा कि वह गुरुवार को घटनास्थल पर पहुंचेंगे. उन्होंने कहा, ‘मैं वहां कई बार गया हूं और मैं कल भी वहां जाऊंगा. हम इसका समाधान ढूंढ रहे हैं. लाइन को डबल करने की जरूरत है.’
उन्होंने कहा, ‘यह पुरानी तकनीक से बनी एक पुरानी लाइन है. यह कठिन इलाके में है और इसमें 26 सुरंगें हैं. जहां लाइन के एक तरफ खाई है तो दूसरी तरफ पहाड़, यह हिमालय से भी कठिन है.’ मालूम हो कि कोठवलसा-किरंदुल सिंगल लाइन 1960 के दशक में जापानी वित्तीय सहायता से निर्मित भारतीय रेलवे की सबसे लाभदायक फ्रेट लाइनों में से एक है.