आयुष्मान योजना के तहत प्रत्येक पात्र परिवार को प्रतिवर्ष 5 लाख तक के नि:शुल्क इलाज का प्रावधान है. योजना से संबद्ध किसी भी सरकारी या निजी अस्पताल में इलाज की सुविधा है.
सिटी टुडे। मध्य प्रदेश के निजी अस्पतालों को सरकार का आयुष्मान योजना (Ayushman Scheme) के तहत भुगतान नहीं मिलेगा. इसके साथ ही प्रदेश भर के निजी अस्पतालों (Private Hospitals) के करीब 1600 करोड़ रुपये के भुगतान पर शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) की सरकार ने रोक लगा दी है जो शासन और जनहित में ही साबित होगी क्योंकि गली गली में किराने की दुकान और कुकुरमुत्तों की तरह कथित अस्पताल खुल गए है जहाँ डॉक्टर तक किराए पर मरीज आने पर बुलाए जाते है इमरजेंसी केस हो तो इन कथित अस्पतालों में सीमित संसाधन और मेडिकल स्टाफ भी नौसिखिए होते है जिन्हें मरीज व मरीज के अटेडर्स से बात करने तक का अनुभव नहीं होता. ऐसे अस्पताल सिर्फ आयुष्मान योजना के माध्यम से साधारण मरीज को गंभीरता का भय अथवा गरीबों को लालच देकर आयुष्मान योजना जो प्रधानमंत्री मोदी जी की इस जनहितकारी योजना को पलीता लगा रहे है इस योजना को पलीता लगाने में जिम्मेदार CMHO भी है जिन्हें खुलेआम खुली आँखों से सबकुछ दिखता है लेकिन लाल लाल नोटों की चमक इनको अंधा कर देती है. ऐसे में इन कथित अस्पताल में इलाज की आस लेकर आए मरीज अपनी जान नौसिखिए मेडिकल स्टाफ और लालची अस्पताल संचालक को सुपुर्द करते है जिसके कारण अपनी जान से हाथ भी धोना पड़ता है.
भुगतान पर सरकार ने लगाई रोक
बता दें कि मध्य प्रदेश में आयुष्मान योजना के तहत आयुष्मान कार्ड धारकों का निजी अस्पतालों में निशुल्क उपचार किया जाता था. लेकिन निजी अस्पताल प्रबंधनों की ओर से आयुष्मान योजना में जमकर गड़बड़ी करने की खबरों के बाद शिवराज सरकार ने सख्त रुख इख्तियार कर लिया है. इस गड़बड़ी से परेशान होकर मध्यप्रदेश सरकार ने अब निजी अस्पतालों के आयुष्मान भुगतान पर रोक लगा दी है.
अटका 1600 करोड़ का भुगतान
बता दें मध्य प्रदेश के निजी अस्पतालों का करीब 1600 करोड़ रुपये का भुगतान बकाया है, फिलहाल, मध्य प्रदेश शासन ने निजी अस्पतालों के 1600 करोड़ रुपये के भुगतान पर रोक लगा दी है.
जारी किया ये नया फरमान
शासन ने आदेश जारी कर कहा है कि भोपाल, इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर में संचालित अस्पतालों में से जो अस्पताल 50 बेड से अधिक या फिर एनबीएच की पात्रता रखेंगे उन अस्पतालों को जनरल मेडिसिन के मरीज को उपचार देने की पात्रता होगी और उन्हें ही दवा का भुगतान सरकार करेगी. 50 बेड से कम वाले अस्पताल जनरल मेडिसिन के अलावा अन्य विधाओं में आयुष्मान योजना में पात्र रहेंगे, जो अस्पताल जनरल मेडिसिन में पात्र रहना चाहते हैं, वे 31 मार्च 2023 तक अपने अस्पताल में बेड संख्या बढ़ा लें.
आयुष्मान योजना 5 लाख का इलाज नि:शुल्क
बता दें कि आयुष्मान योजना के तहत प्रत्येक पात्र परिवार को प्रतिवर्ष पांच लाख तक के नि:शुल्क इलाज का लाभ दिया जाता है. योजना से संबद्ध देशभर के किसी भी चिह्नित सरकारी या निजी अस्पताल में मुफ्त इलाज की सुविधा है. मरीज के भर्ती होने से 7 दिन पहले तक की जांचें, भर्ती के दौरान इलाज व भोजन और डिस्चार्ज होने के 10 दिन बात तक का चेकअप और दवाएं इस योजना के तहत निशुल्क दी जाती है.
इन बीमारियों का होता है इलाज
बता दें आयुष्मान योजना के तहत कोरोना, कैंसर, गुर्दा रोग, हृदय रोग, डेंगू, चिकनगुनिया, मलेरिया डायलिसिस, घुटना व कूल्हा प्रत्यारोपण, नि:संतानता, मोतियाबिंद और अन्य चिह्नित गंभीर बीमारियों का नि:शुल्क उपचार इस योजना के तहत किया जाता है.