सिटी टुडे, भोपाल। कांग्रेस की पंद्रह महीनों की सरकार के दौरान यह सनसनीखेज वारदात हुई थी। उस वक्त मुख्यमंत्री कमलनाथ हुआ करते थे। अब उसी मामले में गुपचुप कार्रवाई कर दी गई है। यह जानकारी शहर की मीडिया से भी छुपाई गई। घटना भोपाल (Bhopal Custodial Death) शहर के कटारा हिल्स थाने में हुई थी। यहां छेड़छाड़ के एक मामले में गिरफ्तार आरोपी ने आग लगाकर हवालात में खुदकुशी कर लिया था। इसमें ज्यूडीशियल जांच के बाद यह सामने आया है कि पुलिस अधिकारी और कर्मचारी के लापरवाही से यह घटना हुई थी। जिसमें तत्कालीन थानेदार समेत चार पुलिस कर्मचारियों के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर लिया गया।
यह है पूरा घटनाक्रम जो मीडिया की नजरों से बचता रहा थाने की हवालात में आगजनी की घटना 26 फरवरी, 2019 को हुई थी। यहां थाने में दर्ज 28/19 धारा 354-घ/376-2-एन/506/3/4 (छेड़छाड़, बलात्कार, धमकाने और पॉक्सो एक्ट का मामला) दर्ज किया गया था। इसी मामले में आरोपी राजकुमार उर्फ आरके परमार पिता प्यारेलाल परमार ([email protected]) उम्र 25 साल को गिरफ्तार किया गया था। वह बागसेवनिया (Bagsewaniya) थाना क्षेत्र के बागमुगालिया स्थित पुरानी बस्ती में रहता था। आरके परमार को हिरासत में लेकर हवालात में रखा गया था। उसने कब आग लगाई इस बात की पुलिसकर्मियों को भनक भी नहीं लग सकी थी। उस वक्त ठंड होने के कारण ओढ़ने के लिए कंबल दिया गया था। जिसमें आग लगाकर उसने खुदकुशी कर ली थी। उसको नाजुक हालत में पहले हमीदिया फिर बंसल अस्पताल (Bansal Hospital) में भी भर्ती कराया गया था। जहां 1 मार्च, 2019 को उसने दम तोड़ दिया था। अब तक हुई जांच का यह निकला निष्कर्ष कटारा हिल्स (Katara Hills) पुलिस मर्ग 05/19 दर्ज किया था। मामला कस्टोडियल डेथ का था। इसलिए न्यायिक जांच के आदेश दिए गए थे। यह रिपोर्ट पुलिस कमिश्नर कार्यालय में लंबित थी। जिस पर 11 अप्रैल, 2023 को अगली कार्रवाई करने के आदेश दिए गए। राजकुमार परमार के मौत की सूचना बंसल अस्पताल से डॉक्टर व्के वर्मा ने दी थी। मौत के इस मामले (Bhopal Custodial Death) में तत्कालीन थाना प्रभारी केएल (TI KL Dangi) दांगी, हवलदार 2228 भानू प्रताप, हवलदार 2589 सुभाष त्यागी और आरक्षक 3671 राघवेंद्र की लापरवाही पाई गई। जिसमें पुलिस अधिकारियों ने कटारा हिल्स थाने में ही 77/23 धारा 304-ए का प्रकरण दर्ज करने के आदेश दिए गए। केएल दांगी को उस वक्त थाने से हटा दिया गया था। वहीं हवलदार 2228 भानू प्रताप (HC Bhanu Pratap) , हवलदार 2589 सुभाष त्यागी (HC Subhash Tyagi) और आरक्षक 2671 को भी लाइन हाजिर कर दिया गया था। जांच में पता चला है कि राजकुमार परमार (Rajkumar Parmar) तक माचिस लापरवाही से पहुंची थी। मतलब साफ है कि उसकी गिरफ्तारी के बाद सही तरीके से तलाशी नहीं ली गई थी। पुलिस सूत्रों ने बताया कि इस मामले की जांच रिपोर्ट बहुत पहले हो चुकी थी। लेकिन, उसमें एफआईआर दर्ज नहीं की जा रही थी।
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