
सिटी टुडे। अभी तक D K कंपनी के दिग्विजय सिंह कांग्रेस की राजनीति के बैनर से अलग हटकर व्यक्तिगत विचारों के माध्यम से हिंदुत्व विरोधी कई संगठनों की खुलेआम पैरवी कर चुके हैं परंतु विधानसभा चुनाव के पूर्व यह कार्यकर्ताओं को स्पष्ट कर कर चुके हैं कि अबकी बार कांग्रेस नहीं तो कभी नहीं, इसके बावजूद भी वह कई बार कह चुके हैं कि मै जहां जाता हूं कांग्रेस का वोट बैंक कम होता है. कुछ हद तक वह सही भी कहते हैं.
परंतु हाल ही में उनके द्वारा कई हिंदू धर्म के प्रमुख साधुओ कथावाचको व कई धार्मिक गुरुओं के विरुद्ध आपत्तिजनक टिप्पणियां करते रहे जिससे समाज का हिंदुत्व एक वर्ग इन से नाराज होता रहा जिसका लाभ हमेशा कांग्रेस को नहीं भारतीय जनता पार्टी को मिलता रहा.
हाल ही में एक 100 वर्ष से अधीक पुरानी गीता प्रेस संस्था को गांधीजी के नाम से पुरस्कार से सम्मानित किए जाने की घोषणा के बाद दिग्विजय सिंह की जुबान चुप नहीं रहे तथा गीता प्रेस के विरुद्ध सिर्फ टिप्पणी कर दी, शाहिद दुर्गेश सिंह को यह नहीं मालूम के गीता प्रेस के संचालकों के गांधी जी से विचार भेद अलग हो सकते हैं परंतु गुलामी की जंजीरों में जकड़े भारत मैं मे हिंदुत्व को आजादी की अलख जगाने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है, इसके बावजूद भी दिग्विजय सिंह हमेशा अपने विवाद ग्रस्त ध्यान निरंतर देते रहे हां इतना जरूर है कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता यह बयान देकर पीछा छुड़ा लेते हैं यह कांग्रेस के विचार नहीं दिग्विजय सिंह के व्यक्तिगत विचार हो सकते हैं परंतु कांग्रेस नेतृत्व को यह नहीं भूलना चाहिए भले ही सिंह के बयान व्यक्तिगत हो परंतु वह कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य होने के साथ कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय पदाधिकारी भी हैं आखिर ऐसे विवाद ग्रस्त बयानों से क्या हिंदुत्व मानसिकता पर कांग्रेस विरोधी मत को मजबूती नहीं मिलेगी जिससे कांग्रे स्कोर कांग्रेश को वोट बैंक का नुकसान होगा आखिर कब सचेत होगा कांग्रेस हाईकमान ?