बॉलीवुड एक्टर सनी देओल और अमीषा पटेल स्टारर फिल्म ‘गदर 2′ रिलीज हो गई। फिल्म बॉक्स ऑफिस पर अच्छा कलेक्शन भी कर रही है। मगर देखा जाए तो ये पहली वाली फिल्म के आसपास भी नहीं फटक रही। इसमें एक्शन सीन किसी कॉमेडी सीन की तरह ही है। कहानी गढ़ने में भी मेकर्स बुरी तरफ फ्लॉप हो गए हैं वहीं गदर 2’ में न अच्छे गाने सुनने को मिले और न अच्छी कहानी देखने को मिली। हालांकि 22 साल बाद आई इस सीक्वेल को लेकर दर्शकों में एक्साइटमेंट के कारण फिल्म देखी जा रही है। पौने तीन घंटे की फिल्म को देखने के बाद मन में काफी सवाल आए। लेकिन सबसे पहला जो आया वो था- अरे मियां! आपने ये बनाई ही क्यों? क्योंकि ये तो गदर नहीं बल्कि गोबर निकली।
2001 की ‘गदर: एक प्रेम कथा’ सभी ने देखी। उसकी कहानी से लेकर उसके किरदार और गाने तक, सबकुछ पसंद किया गया। उसी के दम पर अनिल साब इसका पार्ट 2 भी भुनाने चल दिए। पिछली वाली ‘गदर’ से अगर इसे कम्पेयर करें तो उसके आगे ये पानी भी भरती हुई भी नजर आ रही। पिछली मूवी के कई सीन्स को काटकर Gadar 2 में जोड़ दिया गया। फ़िल्म में एक्शन के नाम पर सनी देओल आधे वक्त चीखते रहे तो आधे वक्त कुछ उठाकर फेंकते रहे। वही कई बार ऐसा लग जैसे कुछ सीन टाईगर श्रॉफ की नकल कर फिल्माए गए हों। कुल मिलाकर कहने का तात्पर्य ये है कि पहली वाली ही ‘गदर’ अच्छी थी। दूसरी वाली पसंद नहीं आई। और अगर ऐसी ही बनानी थी, तो नहीं बनानी चाहिए थी। क्योंकि इसमें कोई कहानी देखने को नहीं मिली। पहले एक बेटा अपने बाप को खोजता हुआ पाकिस्तान जाता और फिर उसका बाप उसे खोजने के लिए दूसरे मुल्क पहुंच जाता है। वहीं, सकीना फिल्म में रोती हुई नजर आईं या फिर अपने सूट का पल्लू लहराती हुईं दिखाई दीं।