मध्य प्रदेश में नर्सिंग कॉलेजों में फर्जीवाड़े को लेकर एक के बाद एक नए खुलासे हो रहे हैं। इसी के बीच नर्सिंग घोटाले से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आई है। घोटाले के बीच पहली बार प्रशासनिक अफसर को नर्सिंग काउंसिल की जिम्मेदारी सौंपी गई है। डॉक्टर योगेश शर्मा को हटाकर नर्सिंग काउंसिल की जिम्मेदारी आईएएस सिराली जैन को सौपी गई है।
वहीं शिराली जैन को बनाने के पीछे कई कारण है चिकित्सा शिक्षा विभाग चाहता है कि, जो व्याप्त नर्सिंग काउंसिल में भ्रष्टाचार है उसको ठीक किया जाए। बतादें कि मान्यता घोटाले के कारण पिछले 3 साल से परीक्षाएं नहीं हो रही है। लाखों बच्चों का भविष्य अंधकार में लटका हुआ है। जानकारी के अनुसार डॉ योगेश शर्मा को भी नर्सिंग काउंसिल के लिए इसीलिए ही चुना गया था की नर्सिंग काउंसिल के सिस्टम को बदले। लेकिन वो उसमें ज्यादा कुछ खास नहीं कर पाए इसके बाद अब शिरली जैन को जिम्मेदारी सौंप गई है। नर्सिंग काउंसिल की जिम्मेदारी आईएएस सिराली जैन को सौंपी गई है। जिसके अब वे रजिस्ट्रार की सारी जिम्मेदारी देखेंगी। बतादें कि नर्सिंग के सीनियर स्टॉफ को रजिस्ट्रार बनाया जाता है।
हाल ही में मध्य प्रदेश नर्सिंग घोटाला मामले में सख्त रूख अपनाते हुए हाईकोर्ट ने 19 नर्सिंग कॉलेज की मान्यता रद्द कर दी थी। इसे लेकर एनएसयूआई ने फर्जी नर्सिंग कॉलेज के विरुद्ध मोर्चा खोल दिया है छात्र नेता रवि परमार के नेतृत्व में एनएसयूआई ने सहायक पुलिस आयुक्त को नर्सिंग काउंसलिंग के रजिस्टर को ज्ञापन सौंपकर फर्जी नर्सिंग कॉलेज के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करने की मांग की थी।