पटवारी भर्ती रद्द करने और जांच रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की मांग को लेकर आंदोलन थमता नजर नही आ रहा है. बीते दिनों में इंदौर (Indore) में पटवारी परीक्षा के अभ्यर्थियों ने जमकर हंगामा मचाया था. कलेक्टर कार्यालय तक रैली भी निकाली थी और मांगे पूरी नही होने पर आंदोलन की चेतावनी भी दी थी. अब एक बार फिर से पटवारी आंदोलन राह पकड़ता दिख रहा है. अभ्यर्थियों ने बुधवार ( 28 फरवरी) को भोपाल (Bhopal) में बड़ा प्रदर्शन करने की चेतावनी दी है. उल्लेखनीय है कि संविदा कर्मचारियों हेतु आरक्षित पदों के लिए विज्ञापन में आरक्षण तो दिया गया जबकि ऑनलाइन आवेदन के दौरान सत्यापित दस्तावेज नही मांगा जाकर परीक्षा सम्पन्न की गई तदोपरांत रिजल्ट घोषित कर दिया गया परन्तु दस्तावेज सत्यापन के दौरान ऐसे आवेदक जो अपरिहार्य कारणों से अथवा भूलवश संविदा पद के विपरीत आवेदन कर बैठे थे उन्हें बाहर कर दिया गया लेकिन इस प्रक्रिया से संविदा कर्मचारियों के लिए आरक्षित पदों का लाभ असल संविदा कर्मचारियों को इसलिए नही हो सका क्योंकि इन मसखरे आवेदकों की मसखरी व मंडल की ऐसी विकराल गलती के दुष्परिणाम स्वरूप प्रदेश भर के संविदा कर्मचारी कोपभाजन का शिकार हुए हैं। क्या मंडल के लिए आवश्यक न था कि आवेदकों से आवेदन प्रक्रिया के समय आरक्षण संबंधित दस्तावेज अपलोड करवाए जाते ताकि असल आवेदको को ही लाभ मिलता?
मध्य प्रदेश में चर्चित पटवारी भर्ती घोटाले की जांच के लिए अभ्यर्थियों ने बीते दिनों जोरदार प्रदर्शन किया था. अभ्यर्थियों की मांग की थी मामले में सरकार जांच करवाए. पटवारी जांच घोटाले में सरकार ने भी अभ्यर्थियों को शांत करने के लिए एक जांच समिति का गठन कर दिया था, लेकिन समिति ने भर्ती को क्लीन चिट दे दी थी. इसके बाद से ही अभ्यर्थी एक बार फिर गुस्से में हैं. अभ्यर्थियों की मांग है कि जांच रिपोर्ट जो भी है उसे सार्वजनिक किया जाए. वहीं पटवारी भर्ती को रद्द किया जाए।
कोर्ट में याचिका भी की जा चुकी दायर
इसी मांग को लेकर बुधवार को सभी अभ्यर्थी भोपाल में इकट्ठा होंगे और जोरदार प्रदर्शन करेंगे. अभ्यर्थियों ने मामले में कोर्ट में एक याचिका दायर की है. वहीं अभ्यर्थियों ने इंदौर में भी सोमवार शाम कैंडल मार्च निकाला था. नेशनल एजुकेटेड यूथ यूनियन के राष्ट्रीय कोर कमेटी सदस्य रंजीत किसानवंशी ने न्यूज से कहा कि सरकार जांच के नाम पर शिक्षा के दलाल और माफिया को बचा रही है. हम पूछना चाहते हैं आखिर ये मोहन यादव सरकार जांच रिपोर्ट जारी क्यों नहीं करती। किसानवंशी ने कहा कि जिस भर्ती में 50 प्रतिशत घोटाला है, उस घोटाले में ये सरकार पिछले दरवाजे से फर्जीवाड़ा करने वालों को संरक्षण दे रही है।