प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी दोबारा भारतीय रेलवे में देश की शान आधुनिक तेज रफ्तार वाली वंदे भारत एक्सप्रेस रेलगाड़ीयो को संपूर्ण भारत में यात्रियों की सुविधा के लिए विस्तार कर दिया है परंतु रेल अधिकारियों की लापरवाही कैटरिंग ठेकेदारों के साठगांठ से यात्रियों को निरंतर इन रेलगाड़िया में दूषित खाना उपलब्ध कराया जाता है शिकायतों के बाद कभी भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जाती केवल मिली भगत के कारण चेतावनी देकर कैटरिंग ठेकेदार को छोड़ने के साथ यात्रियों की शिकायत को नजर अंदाज कर कैटरिंग ठेकेदार को प्रोत्साहित किया जाता है।
अगर रानी कमलापति रेलवे स्टेशन से जबलपुर तथा नई दिल्ली से को जाने वाली बंदे भारत रेलगाड़ी की बात करें तो समाचार लिखकर जाने तक इन दोनों रेलगाड़िया में दो दर्जन से अधिक इसी प्रकार की शिकायतें रेल अधिकारियों को प्राप्त हो चुकी है।
सिटी टुडे के सूत्रों के मुताबिक 1 फरवरी 2024 को जबलपुर जाने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस में यात्री शुभेद्र केसरी के खाने में कॉकरोच होने की शिकायत यात्री ने की थी, 4 जुलाई को आरकेएमपी रेलवे स्टेशन से नई दिल्ली जाने वाली वंदे भारत के यात्री सुबोध की रोटी में कॉकरोच पाया गया शिकायत हुई परंतु लापरवाह अधिकारियों की साथ गांठ से ठेकेदार का मनोबल बढ़ता गया उसका नतीजा देश की शान कहे जाने वाली इन रेलगाड़िया में दूषित भोजन अथवा नाश्ता दिए जाने की शिकायतों का इजाफा होता जा रहा है।
18 अगस्त 2024 को आरकेएमपी स्टेशन से नई दिल्ली जाने वाली वंदे भारत में ग्वालियर के यात्री अभय सिंह सेंगर को झांसी रेलवे स्टेशन पर पर नाश्ता दिया गया तो उसके उपमा में इल्ली निकली शिकायत करने के लिए यात्री को काफी मशक्कत करनी पड़ी अंत में सहयात्री भोपाल की वरिष्ठ पत्रकार शेफाली गुप्ता के प्रयास से लिखित शिकायत हो सकी।
बताया जाता है कि वंदे भारत हो या शताब्दी इनमें एक ही कैटरिंग ठेकेदार द्वारा छदम नाम से ठेका लिया जाता है ठेकेदार के बेस किचन से लेकर खाद्य पदार्थ परोसने वाले कर्मचारी इतने लापरवाह होते हैं कि वह खाद्य पदार्थों भोजन को बनाए जाने की गुणवत्ता से समझौता कर गंदगी वाली बेस किचन में गुणवत्ता भी पदार्थ से भोजन अथवा नाश्ता बनाते हैं जिस ठेकेदार के कर्मचारी यात्रियों की सेवा में पहुंचते हैं परंतु ऐसी दूषित भोजन नाश्ता आदि में इसी प्रकार की सैकड़ो शिकायतें प्रतिदिन प्राप्त होती है।
कैटरिंग ठेकेदार से जुड़े एक पूर्व कर्मचारी ने सिटी टुडे को बताया कैटरिंग ठेकेदार के हाथ बहुत लंबे और एवं मजबूत है ऊपर से नीचे तक रेल अधिकारियों से उनके इतने रहस्यमय मधुर संबंध होते हैं कि वह रेल यात्रियो की शिकायत ठेकेदार को कोई अंतर नहीं होता केवल चेतावनी देकर छोड़ने के अलावा परोसने वाले कर्मचारी को दूसरे डिब्बे या दूसरे बंदे भारत में स्थानांतरित कर दिया जाता है। रेल कैटरिंग सेवाओं से जुड़े एक पूर्व रिटायर्ड अधिकारी ने चर्चा के दौरान कहा कि ऐसे कर्मचारी का चरित्र सत्यापन, स्वास्थ्य मेडिकल प्रमाण पत्र होना आवश्यक है परंतु अधिकतर कर्मचारियों के पास ऐसा नहीं होता, कई कर्मचारी गंभीर रोगों से पीड़ित भी पाए जाते हैं परंतु लापरवाह रेलवे के जिम्मेदार अधिकारी ऐसी शिकायतों को अपना व्यापार बना लेते हैं।