December 23, 2024
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नौगांव छतरपुरभारत की सनातन संस्कृति और संस्कारों के कारण यह बताया जाता है कि भारत के हिमालय की गोद में ऋषि मुनियों तपस्वी साधु संतो ने तपवल के कारण मृत्यु को भी वापस लौटा दिया ऐसे अनेक दृष्टांतों के माध्यम से हमें जीवन जीने का साहस शक्ति आत्मविश्वास और अपने वेद पुराण शास्त्र उपनिषद धार्मिक ग्रंथो पर श्रद्धा विश्वास भक्ति का मार्ग मिलता है इसी प्रकार से बुंदेलखंड क्षेत्र की धारा के महोबा जनपद उत्तर प्रदेश के ग्राम बुदौरा जयपुर बेलाताल के रहने वाले आध्यात्मिक एवं धार्मिक से जुड़े पंडित श्री लक्ष्मण नायक के घर 1 जनवरी 1916 को एक बालक का जन्म हुआ जिसका नाम सत्यदीन नायक रखा गया ।यह बालक सत्यदीन नायक बचपन से ही श्री हनुमान जी के भक्ति रहे और माता जगत जननी आदिशक्ति के पुजारी रहे इनकी शादी 14 वर्ष की आयु में अलीपुर स्टेट के तिवारी परिवार में प्रेम बाई से हुई प्रेम बाई के भाई रामदयाल तिवारी और सीताराम तिवारी वर्तमान में दोनों नहीं है लेकिन अलीपुरा ससुराल होने के कारण उत्तर प्रदेश से कुलवारा नौगांव तहसील अंतर्गत ग्राम में आकर के रहने लगे क्योंकि उनके पिता श्री लक्ष्मण नायक भगवान राम जानकी के मंदिर में पुजारी थे पर यही ज्ञान के उन्होंने पूजा संभाली ।

पंडित सत्यदीन नायक के तीन पुत्र ईश्वर दास नायक जो वर्तमान में 82 वर्ष की आयु के हैं दूसरे पुत्र पंडित पुरुषोत्तम नायक जो पुजारी हैं और समाज में भगवान का प्रचार प्रसार करते रहते हैं उसी से परिवार चलता है तीसरे पुत्र संतोष नायक जो गांव में खेती किसानी करते हैं उनकी तीन बेटियां मिथिला देवी रिवई टोला पनवाड़ी के पास है वहां ससुराल में शादी हुई राम रती की शादी बड़ा गांव एवं पुष्प मुन्नू देवी की शादी नैनवां नौगांव में हुई है । भरा पूरा परिवार है ।108 वर्षीय पंडित श्री सत्यदीन नायक पुजारी जी को पिछले दिनों अंतर्राष्ट्रीय वृद्ध दिवस पर खोज कर बुंदेलखंड के समाज सेवी संतोष गंगेले कर्मयोगी ने उनके निवास स्थान पहुंचकर उनकी दिनचर्या और जीवन की लंबी आयु के बारे में विस्तार से चर्चा कि उन्होंने सर्वप्रथम बताया कि बचपन से हमारे माता-पिता हमको ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4:00 बजे किसी भी हालत में उठने की प्रेरणा देते रहे और समय-समय पर वह उठाते रहे उन्होंने कहा कि जो भी व्यक्ति समय से जल्दी सोते हैं और जल्दी उठते हैं उनके ऊपर ईश्वर की कृपा होती है प्रकृति कृपा बरसती है । उन्होंने बताया कि जीवन में हमेशा अपने खेतों में उगने वाली साथ सब्जियां अनाज गला का उपयोग किया है बाहरी वस्तुओं पर भरोसा नहीं रहता है वह कभी डालडा चाट अत्यधिक खटाई नहीं खाते हैं, शरीर को नुकसान करने वाली खाने पीने की वस्तुएं आयुर्वेद में जिन का उल्लेख है उसी हिसाब से वह जीवन संचालित करते हैं ।लंबी आयु की उन्होंने गुप्त रूप बात करते हुए कहा कि संसार का कोई भी व्यक्ति वासना से तृप्त नहीं होता है उपासना की इच्छा कभी पूरी नहीं होती है इसलिए समय-समय के अनुसार अपनी कर्तव्य निष्ठा से धर्मपत्नी के साथ समय देना चाहिए । मान मर्यादा एवं संयम और नियम मनुष्य के जीवन का लक्ष्य यदि जो व्यक्ति समझदारी से उपयोग करता है वह रसना और वासना पर नियंत्रण कर लेता है दीर्घायु होती है । उन्होंने वर्तमान समय के युवाओं से संदेश देते हुए कहा कि जीवन में उन्हें नशा नहीं किया है नशा नाश की जड़ होता है और क्रोध करने से शरीर की शक्ति बुद्धि आत्मविश्वास खत्म होता है अपराध घटित होते हैं इसलिए नशा से और क्रोध गुस्सा से बचना चाहिए ।अंतर्राष्ट्रीय वृद्ध दिवस पर एक विद्यालय में उनको बच्चों से मिलवाया बच्चों ने उनके जीवन के अनुभव सुने और स्वस्थ और निरोगी रहने के उनके द्वारा बताए गए अनुभव को अपने के लिए संकल्प भी लिया गया । समाजसेवी संतोष गंगेले कर्मयोगी नौगांव बुंदेलखंड जिला छतरपुर द्वारा बुंदेलखंड क्षेत्र में लगातार भ्रमण करते समय वह बुजुर्ग समाज के सम्मानित समाज में विभिन्न प्रकार की गतिविधियों में अपना स्थान बनाने वाले विभिन्न प्रकार की विद्यार्थियों बेटियों महिलाओं बुजुर्गों को खोजते हैं और उनको सोशल मीडिया प्रिंट मीडिया के माध्यम से समाज में सामने ले आने का प्रयास करते हैं ।

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