December 23, 2024
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ग्वालियर: प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज ईश्वरीय विश्व विद्यालय के प्रभु उपहार भवन माधवगंज केंद्र पर नवरात्री के पावन अवसर पर चैतन्य देवियों की झाँकी लगाई गई। झाँकी के दर्शन करने हेतु सैंकड़ो श्रद्धालु कार्यक्रम में शामिल हुए।


कार्यक्रम में मुख्य केंद्र प्रभारी बीके आदर्श दीदी ने सभी को नवरात्री की बहुत-बहुत शुभकामनाएँ दी। तथा नवरात्री का आध्यात्मिक रहस्य बताते हुए कहा कि नवरात्री का पावन उत्सव हमें हिंसक वृतियों पर विजय प्राप्त करने की प्रेरणा देता है। इन नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। माता शैलपुत्री, माता ब्रह्मचारिणी, माता चंद्रघंटा, माता कुष्मांडा, माता स्कंदमाता, माता कात्यायनी, माता कालरात्रि, माता महागौरी, माता सिद्धिदात्री।


नवरात्री के पहले दिन माँ शैलपुत्री की पूजा की जाती है, जो शक्ति का प्रथम स्वरुप मानी जाती है। माँ शैलपुत्री हमें यह सन्देश देती है कि आध्यात्मिक साधना में द्रढ़ता और समर्पण आवश्यक है, पहाड़ों की तरह अडिग रहने से ही हम अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं। माँ शैलपुत्री की जीवनशैली सादगी और पवित्रता का प्रतीक है उनकी सरलता का यह रूप हमे सिखाता है कि साधारण जीवन में ही असली आनंद और शक्ति समायी हुई हैं। उनके हाथ में त्रिशूल से तात्पर्य तीनों लोको और तीनों कालो के ज्ञान से हैं तथा हाथ में कमल हमें पवित्र बनने की प्रेरणा देता हैं।
नवरात्री पर माँ की आराधना करने के साथ-साथ हमें अपने जीवन में बुराइयों को छोड़ने तथा दिव्यगुणों को धारण करने का संकल्प लेना चाहियें।

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