- हाई कोर्ट ने किसी भी आवेदन पर अंतिम निर्णय पारित करने पर लगाई रोक।
- परमिट सहित अन्य कार्यों से संबंधित आवेदनों को लंबित रखने दिए निर्देश।
- यह निर्णय ट्रांसपोर्ट डिपार्मेंट सर्विस रिक्रूटमेंट रूल्स 2011 के विपरीत है।
सिटी टुडे। हाई कोर्ट में एक याचिका के जरिए परिवहन विभाग के एक ही अधिकारी को 10 रीजन का प्रभार देने को चुनौती दी गई है। मामले की प्रारंभिक सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने परिवहन आयुक्त ग्वालियर, आरटीओ भोपाल, डिप्टी ट्रांसपोर्ट कमिश्नर भोपाल राजेश राठौर व अन्य को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। परमिट सहित अन्य कार्यों से संबंधित सभी आवेदनों को लंबित रखा जाएगा।
उल्लेखनीय है कि हाई कोर्ट की जबलपुर बेंच में अंतरिम आदेश के तहत न्यायमूर्ति गुरपाल सिंह अहलूवालिया की एकलपीठ ने निर्देश दिया कि डिप्टी ट्रांसपोर्ट कमिश्नर राजेश राठौर किसी भी आवेदन पर अंतिम निर्णय पारित नहीं करेंगे। एक याचिका के जरिए परिवहन विभाग के एक ही अधिकारी को 10 रीजन का प्रभार देने को चुनौती दी गई है। हाई कोर्ट ने परिवहन आयुक्त ग्वालियर, आरटीओ भोपाल, डिप्टी ट्रांसपोर्ट कमिश्नर भोपाल राजेश राठौर व अन्य को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
10 पदों में से सात पद पदोन्नति से भरे जाने चाहिए
यह निर्णय ट्रांसपोर्ट डिपार्मेंट सर्विस रिक्रूटमेंट रूल्स 2011 के विपरीत है। नियमानुसार रीजनल डिप्टी ट्रांसपोर्ट कमिश्नर के 10 पदों में से सात पद पदोन्नति से भरे जाने चाहिए और तीन पद प्रतिनियुक्ति से भरे जाने चाहिए। सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने उक्त अंतरिम आदेश के साथ अनावेदकों को जवाब पेश करने के निर्देश दे दिए।
सभी आवेदन लंबित रहें
परमिट सहित अन्य कार्यों से संबंधित सभी आवेदनों को लंबित रखा जाएगा। मामले की अगली सुनवाई 16 अक्टूबर को होगी। याचिकाकर्ता शहडोल निवासी रमाकांत पटेल व विजयकांत वर्मा की ओर से अधिवक्ता बृजेश दुबे ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि शासन ने 16 अगस्त, 2024 को एक आदेश जारी कर शैलेश राठौर को समस्त 10 संभागों का डिप्टी ट्रांसपोर्ट कमिश्नर का चार्ज दे दिया है।