May 3, 2025

आबकारी विभाग में शराब ठेकेदारों से मिलीभगत से ही काम लगातार चलता रहता है, जिसके चलते आबकारी विभाग पूरी तरह दुम दबाए खड़ा नजर आता है, फिर चाहे सरेआम शासन के नियमों की धज्जियां ही उड़ाई जा रही हो, चाहे खपत कम। दिखाकर अवैध मदिरा का विक्रय हो अथवा MRP से अधिक मूल्य पर बेचने का कार्य हो।

ऐसा ही मामला शराब दुकानों पर शराब के होर्डिंग्स को लेकर नजर आ रहा है, जिस पर आबकारी अधिकारी कार्रवाई नहीं कर पा रहे हैं। शराब की दुकानों को लेकर आबकारी विभाग ने नियम तय किए हैं, जिनमें दुकानों पर लगने वाले साइन बोर्डों को लेकर नियम 45 में पूरी व्याख्या दी है, जिसमें बोर्ड के आकार प्रकार और उस पर लिखे जाने वाली इबारत का पूरा खाका दिया गया है, जिसके अनुसार ही बोर्ड लगाया जाना चाहिए और इसके अलावा दुकान पर शराब के ब्रांड या कंपनी का बोर्ड लगाया जाना प्रतिबंधित किया गया है।

यह है नियम

शराब दुकान पर 10 फीट लंबे और 4 फुट चौड़ा बोर्ड लगाया जा सकता है, जिस पर शराब पीना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है और शराब पीकर वाहन न चलाएं लिखा होना अनिवार्य है और यह वाक्य एक से अधिक लगाए साइन बोर्ड मदिरा दुकानों पर अधिक से अधिक 10 फुट लंबे और 4 फुट चौड़े बोर्ड लगाए जाने की अनुमति है, लेकिन महानगर में कई दुकानों पर एक से बोर्ड के नीचे की तरफ 20 प्रतिशत भाग में लिखा होना चाहिए। इसके अलावा बोर्ड पर हिंदी / अंग्रेजी में केवल मदिरा दुकान का प्रकार, उसकी अवस्थिति, लाइसेंस का क्रमांक, लाइसेंस की अवधि और लाइसेंसी का नाम ही अंकित रहेगा। दुकान के काउंटरों परलगे इश्तहार शराब की दुकानों पर साइन बोर्ड की जगह वहां रखे काउंटरों पर भी शराब के ब्रांडों का जमकर प्रचार मौजूद है, जिसमें कई तरह की शराब के इश्तहारअधिक साइन बोर्ड लगाए गए हैं, जिन पर शराब पीकर वाहन न चलाने वाली लाइन नहीं लिखी गई है।किए जा रहे हैं।अधिकारियों की नजरें नहीं पड़ी इन जगहों परशराब की दुकानों पर लगे साइन बोर्डों को लेकर अधिकारियों कीआंखों का इन पर न पड़ना बेहद चौकानें वाली बात है, जिसका कारण इन दुकानों का निरीक्षण हर माह होता है और वहां पर आबकारी विभाग के इंस्पेक्टर आदि पहुंचते हैं, लेकिन उनके द्वारा इस तरह की कार्रवाईयों पर नोटिस जारी न करने की स्थिति संदेह को पैदा करती है।

एक महीने पहले बोले थे करेंगे कार्रवाई लेकिन इस मामले को लेकर जिला आबकारी अधिकारी राकेश कुर्मी से बात की तो उन्होंने कार्रवाई की बात कही लेकिन लगता है रिश्वत की चकाचौंध ने आबकारी विभाग को गुम रहने को मजबूर कर रखा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *