December 23, 2024
Spread the love

Mulayam Singh Yadav:  मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद समाजवादी पार्टी (सपा) के नेताओं से लेकर कार्यकर्ताओं के बीच इन दिनों एक सवाल मंडरा रहा है कि क्या अखिलेश यादव और उनके चाचा शिवपाल सिंह यादव के बीच तालमेल होगा या फिर उनका संबंध अब और खराब हो जाएगा। लोगों को संबंध खराब होने का संदेह इसलिए है क्योंकि परिवार के मुखिया अब नहीं रहे। मुलायम सिंह की हालत बिगड़ने पर अखिलेश और शिवपाल दोनों को कई मौकों पर एक साथ देखा गया। जब नेताजी को इस महीने की शुरुआत में आईसीयू में शिफ्ट किया गया था तो कई राजनीतिक दलों के नेता उनके स्वास्थ्य के बारे में पूछताछ करने के लिए अस्पताल पहुंचे थे। अस्पताल में पहले से अखिलेश, शिवपाल और राम गोपाल यादव मौजूद रहते थे। सपा ने ट्विटर पर ऐसी कई तस्वीरें साझा की जिनमें तीनों नेताओं को एक साथ अस्पताल में देखा गया।

मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद दोनों उनके पार्थिव शरीर के साथ उनके गांव सैफई गए। अगले दिन जब शव को अंतिम दर्शन के लिए सैफई मेला मैदान में ले जाया जा रहा था, तो अखिलेश, शिवपाल और आदित्य शव को ले जा रहे ट्रक पर थे। पूरा यादव परिवार मंच पर एक साथ खड़ा था। एक समय शिवपाल ने अखिलेश के कंधे पर हाथ रखा और उन्हें सांत्वना दी। उस समय सपा अध्यक्ष काफी भावुक नजर आ रहे थे।

मंच पर जब सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने मुलायम सिंह के पार्थिव शरीर पर चढ़ाने के लिए राम गोपाल यादव को पुष्पांजलि दी, तो उन्होंने मौर्य को पास में खड़े शिवपाल यादव को भी यह देने के लिए कहा। इसके बाद रामगोपाल और शिवपाल ने मिलकर पार्थिव शरीर पर माल्यार्पण किया।

सैफई में जब पत्रकारों ने बुधवार को शिवपाल से पूछा कि क्या यह उनके और अखिलेश के बीच एक नई शुरुआत होगी तो उन्होंने कहा, “यह समय सही नहीं है। सही समय आने पर देखा जाएगा।” इसके बाद पत्रकारों ने उनसे पूछा कि क्या वह समाजवादी पार्टी के संरक्षक की भूमिका निभाने के लिए तैयार हैं तो शिवपाल ने दोहराया, “यह निर्णय लेने का समय नहीं है।”

मंगलवार को मुलायम सिंह यादव को श्रद्धांजलि देने सैफई जाने वालों में जसवंत नगर निवासी पहलवान सिंह यादव भी शामिल थे। पहलवान सिंह ने कहा, “अगर अखिलेश और शिवपाल अपने मतभेदों को भुलाकर एक बार फिर साथ आ जाते हैं तो इससे सपा को फायदा होगा। पार्टी भविष्य के चुनावों में बेहतर प्रदर्शन करेगी। अगर ऐसा नहीं होता है तो भाजपा और अन्य दल उनके मतभेदों का फायदा उठाते रहेंगे। पार्टी का भविष्य अखिलेश और शिवपाल दोनों पर निर्भर है।”

About Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *