सिटी टुडे, पँजाब। सुप्रीम कोर्ट ने 2015 के बरगाड़ी बेअदबी मामले की सुनवाई पंजाब से बाहर ट्रांसफर करने की डेरा सच्चा सौदा के समर्थकों की याचिका को स्वीकार कर लिया है। बरगाड़ी कांड के आरोपी शक्ति सिंह व अन्य की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस अनुराधा बोस व जस्टिस सुधांशु धूलिया की बेंच ने यह आदेश दिया है।
उल्लेखनीय है कि बेअदबी मामले के आरोपी महिंदरपाल बिट्टू और प्रदीप कटारिया की हत्या के बाद आरोपियों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। चर्चा है कि अब चंडीगढ़ में मुकदमों की सुनवाई हो सकती है। सुप्रीम कोर्ट ने चार मामलों की सुनवाई पंजाब से बाहर स्थानांतरित करने की याचिका को मंजूरी दे दी है। इनमें तीन बरगाड़ी बेअदबी मामले और 2010 मोगा बेअदबी मामले से जुड़े हैं।
2015 के बरगाड़ी गोलीकांड मामले से जुड़ी तीन घटनाओं में डेरा सच्चा सौदा सिरसा के अनुयायियों ने अपनी जान को खतरा होने की आशंका से सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। इस याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार से रिपोर्ट मांगी थी। ईश निंदा मामले की चार्जशीट डेरा के पांच अनुयायियों सुखजिंदर सिंह सनी, शक्ति सिंह, रंजीत सिंह भोला, निशान सिंह और बलजीत सिंह ने पिछले साल दिसंबर में दायर की थी।
प्रदीप कटारिया की हत्या का हवाला
याचिका में तर्क दिया गया है कि इन घटनाओं में 10 नवंबर 2022 को कोटकपुरा में प्रदीप सिंह कटारिया की गोली मारकर हत्या कर दी गई और उन्हें जान से मारने की धमकी भी दी जा रही हैं। ऐसे में केस को ट्रायल के लिए पंजाब से बाहर दूसरे राज्य में ट्रांसफर किया जाए। इस याचिका पर सुप्रीम कोर्ट की दो जजों की बेंच ने पंजाब सरकार को नोटिस जारी कर सुनवाई के बाद रिपोर्ट मांगी है।
महिंदरपाल बिट्टू की जेल में हुई थी हत्या
बरगाड़ी बेअदबी मामले से जुड़े एक अन्य डेरा समर्थक महिंदरपाल बिट्टू की भी कुछ समय पहले नाभा जेल में हत्या कर दी गई थी। उस घटना के बाद जमानत पर बाहर आए डेरा समर्थकों को पंजाब पुलिस ने सुरक्षा भी मुहैया कराई थी। प्रदीप सिंह कटारिया की हत्या के समय उनकी सुरक्षा में तैनात होमगार्ड का एक जवान भी गोली लगने से घायल हो गया था।
सिख समाज नाखुश
सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय से सिख समाज नाखुश है क्योंकि एक के बाद एक बेअदबी कांड में होते रहे जिनमें कई प्रकरणों में डेरे से जुड़े लोगों की संलिप्तता पाई गई थी अतः सिख समाज पँजाब से बाहर सुनवाई करने के फैसले से नाखुश है व चाहता है कि सुनवाई पँजाब में ही हो।