सिटी टुडे। मध्यप्रदेश के ग्वालियर जिले के डबरा में 7 नवंबर की रात हुई जसवंत गिल की हत्या के मामले में पुलिस ने राजफाश कर दिया है। ग्वालियर पुलिस अधीक्षक धर्मवीर सिंह ने आज प्रेस से बातचीत के दौरान जानकारी देते हुए बताया कि ग्वालियर के डबरा में जसवंत सिंह का मर्डर करने वाले दोनों शूटर्स गिरफ्तार कर लिए गए हैं। ग्वालियर पुलिस ने पंजाब पुलिस के साथ ज्वॉइंट ऑपरेशन में मोहाली के खरड़ से शूटर्स को शनिवार रात पकड़ा। पुलिस के मुताबिक, दोनों बदमाश कनाडा के गैंगस्टर अर्श डाला से जुड़े हैं। उनकी पहचान पंजाब के बरनाला निवासी नवजोत सिंह और अमलप्रीत सिंह के रूप में हुई है।
7 नवंबर की शाम करीब 7 बजे डबरा की गोपाल बाग सिटी में रहने वाले जसवंत सिंह गिल उर्फ सोनी सरदार (45) की तीन गोलियां मारकर हत्या कर दी गई थी। जसवंत खाना खाने के बाद घर के बाहर टहल रहा था। वह कुछ लोगों से बात करने के लिए रुका। इसी दौरान मोटरसाइकिल पर सवार दो युवक वहां आए। एक युवक मोटरसाइकिल से उतरा और जसवंत को आवाज देकर मोहन सिंह का घर कौन सा है पूछा जसवंत कुछ जवाब देते उसके पहले उन्हें एक के बाद एक तीन गोलियां मार दीं और फिर बाइक पर बैठकर दोनों भाग निकले। जसवंत की मौके पर ही मौत हो गई थी। घटना सीसीटीवी कैमरे में रिकॉर्ड हुई थी। ग्वालियर एसपी धर्मवीर सिंह यादव ने मर्डर वाली रात ही पुलिस को कॉलोनी में लगे सीसीटीवी कैमरे के पुराने फुटेज खंगालने के निर्देश दिए। अलग-अलग टीमों को शूटर्स और उनके मददगारों की तलाश में लगाया।
ग्वालियर के डबरा में जसवंत सिंह का मर्डर करने वाले दोनों शूटर्स गिरफ्तार कर लिए गए हैं। ग्वालियर पुलिस ने पंजाब पुलिस के साथ ज्वॉइंट ऑपरेशन में मोहाली के खरड़ से शूटर्स को शनिवार रात पकड़ा। पुलिस के मुताबिक, दोनों बदमाश कनाडा के गैंगस्टर अर्श डाला से जुड़े हैं। उनकी पहचान पंजाब के बरनाला निवासी नवजोत सिंह और अमलप्रीत सिंह के रूप में हुई है।
लोकल मददगार ने कबूला- रेकी की, शूटर्स को मदद मुहैया कराई पुलिस की थ्योरी यह थी कि कनाडा से कॉन्ट्रैक्ट किलिंग कराई गई तो पंजाब से आए शूटर्स को लोकल स्तर पर मदद मुहैया कराई गई होगी। मुखबिरों की मदद से पुलिस भितरवार के रई मस्तूरा गांव निवासी जीता सरदार तक पहुंची।
पहले तो जीता ने जसवंत के मर्डर की कोई भी जानकारी होने से साफ इनकार किया। सख्ती बरतने पर वह टूट गया। उसने बताया कि उसी ने जसवंत की रेकी की और शूटरों को स्थानीय स्तर पर मदद दी।
होटल में रुके, शॉपिंग की और गोली मारकर निकल गए एसपी धर्मवीर यादव के आदेश पर साइबर पुलिस के एक्सपर्ट्स को सक्रिय किया गया। डबरा में गोपाल बाग सिटी जाने वाले रास्ते और बाजार के कैमरों को बारीकी से देखा गया। बाजार में लगे सीसीटीवी कैमरे के फुटेज में संदिग्ध नजर आ गए। कड़ी जोड़ते हुए पुलिस सर्राफा बाजार तक पहुंची। यहां के सीसीटीवी कैमरों में शूटर्स गिव एंड टेक नाम की दुकान से कपड़े खरीदते दिखे।
पुलिस ने शूटरों की तस्वीर के आधार पर तहकीकात आगे बढ़ाई। पता लगा कि दोनों बदमाश टेकनपुर के कृष्णा होटल में रुके थे। इस होटल के रिसेप्शन से उनके आधार कार्ड मिले और दोनों बदमाशों की सटीक पहचान हो गई।
वारदात वाले दिन दोपहर में ही डबरा पहुंचे थे दोनों बदमाश पुलिस को पता लगा कि वारदात वाले दिन ही दोनों शूटर डबरा पहुंचे थे। उन्होंने डबरा में आने से पहले बाजार में खरीदारी की। यहां से टेकनपुर गए, फिर गाड़ी लेकर डबरा लौटे। शाम को गोपाल बाग सिटी पहुंचे और मर्डर करने के बाद पंजाब के मोहाली के लिए रवाना हो गए।
ग्वालियर पुलिस ने पंजाब पुलिस से संपर्क किया। एक टीम मोहाली पहुंची। यहां पता लगा कि पंजाब पुलिस भी बीते 9 अक्टूबर को हुए एक मर्डर के मामले में नवजोत और अमलप्रीत सिंह को तलाश रही है। इसके बाद शनिवार रात पंजाब पुलिस की स्पेशल ऑपरेशन सेल, एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स और स्थानीय पुलिस की मदद से दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया।