सिटी टुडे, बिलासपुर। छत्तीसगढ़ में ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) की छापेमारी और पूछताछ के तरीके के खिलाफ लगाई गई याचिकाओं को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है. चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस संजय के. अग्रवाल की डिवीजन बेंच ने याचिकाओं को खारिज कर मानहानि के मामले में सिविल कोर्ट में याचिका लगाने की अनुमति दी है.
हाईकोर्ट में खुर्सीपार गौतम नगर भिलाई के अभिषेक सिंह, समता कॉलोनी रायपुर के नितेश पुरोहित और अवंति विहार रायपुर की पिंकी सिंह ने ईडी के खिलाफ याचिका प्रस्तुत की थी. इसमें बताया गया था कि ईडी द्वारा बिना सक्षम अधिकारी की अनुमति के तलाशी व जांच की गई. अवैधानिक तरीके से जब्ती बनाई गई. याचिकाकर्ता पिंकी सिंह ने याचिका में बताया कि उन पर कार्यवाही के लिए सीआरपीसी की धारा 46(4) का उल्लंघन किया गया. बिना अनुमति व वैध वारंट के उनके घर तलाशी ली गई और अवैधानिक तरीके से जब्ती बनाई गई. महिला से पूछताछ व जांच के लिए बने प्रावधानों का भी उल्लंघन किया गया. अभिषेक सिंह के साथ अमित सिंह ने भी जॉइंट याचिका पेश की थी. याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ता ने सीसीटीवी के सामने अधिवक्ता की उपस्थिति में पूछताछ की मांग रखी.
विशेष लोक अभियोजक सौरभ पांडेय ने अदालत के समक्ष ईडी की तरफ से तर्क प्रस्तुत किया. उन्होंने बताया कि शराब घोटाले में मुख्य अभियुक्त अरविंद सिंह है. याचिकाकर्ता पिंकी सिंह उनकी पत्नी हैं और अभिषेक सिंह उनके भतीजे हैं. साथ ही, एक अन्य याचिकाकर्ता नितेश पुरोहित उनके करीबी मित्र हैं. सभी को सिर्फ जांच के दायरे में लिया गया है, न कि अभियुक्त बनाया गया है. पिंकी सिंह के निवास से मात्र दो मोबाइल की जब्ती की गई है, वह भी विधिवत रूप से प्रक्रिया का पालन करते हुए.
सभी को जांच के दौरान सिर्फ पूछताछ करने के लिए बुलाया गया था, न कि उनकी गिरफ्तारी की गई है. पूछताछ की भी सारी प्रक्रिया सीसीटीवी की निगरानी में नियमतः ही हो रही है. ईडी के वकील ने बताया कि वकील की उपस्थिति में पूछताछ होने पर जांच प्रभावित होगी. दोनों पक्षों को सुनने के बाद चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस संजय के. अग्रवाल की डिवीजन बेंच ने ईडी के खिलाफ लगी याचिकाओं को खारिज कर दिया है.
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