
भारतीय प्रशासनिक सेवा मध्यप्रदेश कैडर के अधिकारी श्री इच्छित गढ़पाले और एग्जीक्यूटिव इंजीनियर नूर सिंह बघेल के खिलाफ लोकायुक्त ने 200 करोड़ की सरकारी जमीन के मामले में FIR दर्ज की है। याद रहे कि लोकायुक्त के द्वारा किसी भी शिकायत की प्राइमरी इन्वेस्टिगेशन पूरी होने के बाद ही मामला दर्ज किया जाता है। श्री इक्षित गढ़पाले वर्तमान में मुरैना जिला पंचायत में मुख्य कार्यपालन अधिकारी के पद पर पदस्थ हैं।
लोकायुक्त एसपी श्री संजय साहू ने बताया कि छिंदवाड़ा में 2014 से 2018 के बीच बस स्टैंड का निर्माण कार्य पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत किया जाना था। तत्कालीन नगर निगम आयुक्त श्री इच्छित गढ़पाले और एग्जीक्यूटिव इंजीनियर श्री नूर सिंह बघेल ने पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप मोड बदलकर स्ववित्तपोषित मोड में तब्दील कर दिया। 3 एकड़ 20000 वर्ग फीट जमीन फ्री होल्ड करके ठेकेदार को दुकानें बनाने के लिए आवंटित कर दी। शिकायतकर्ताओं (चार पार्षद) का आरोप है कि जमीनों की कीमत 200 करोड़ पर है।
एसपी श्री संजय साहू ने बताया कि तत्कालीन नगर निगम आयुक्त श्री इच्छित गढ़पाले आईएएस और एग्जीक्यूटिव इंजीनियर श्री नूर सिंह बघेल के खिलाफ पद के दुरुपयोग का मामला दर्ज किया गया है। अब इन्वेस्टिगेशन की जाएगी जिसमें सभी दस्तावेज जप्त किए जाएंगे और उसके बाद अभियोजन की प्रक्रिया शुरू होगी।