
विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आते जा रहे हैं वैसे-वैसे सिंधिया भाजपा पर सौतेलापन का आरोप लगाकर घर वापसी कर रहे हैं. दलबदल की इस बेला में शिवपुरी जिला सबसे आगे है शिवपुरी से वरिष्ठ कांग्रेस नेता रहे एक बार विधानसभा चुनाव हार चुके स्वर्गीय साँवल गुप्ता के पुत्र राकेश गुप्ता भी सिंधिया के साथ दल बदल कर भारतीय जनता पार्टी में आ गए थे परंतु दल बदल कर फिर से वह घर वापस हो लिए उनकी चाहत है कि एक बार फिर से पिता की हार का बदला शिवपुरी विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़कर लें.
इसी प्रकार कोलारस विधानसभा क्षेत्र से दो पीढीयो से सिंधिया परिवार के अनंत भक्त रहे बैजनाथ सिंह यादव, शिवनंदन पड़रिया के बाद राजकुमार सिंह धाकड़ ने भी अपने घर वापसी कमलनाथ के समक्ष समर्पण कर कर ली इन तीनों नेताओं का कोलारस विधानसभा क्षेत्र में जातीय समीकरणों के तहत अपना एक अलग वजूद है श्री पडरिया लोधी समाज, बैजनाथ सिंह यादव यादव समाज तथा राजकुमार धाकड़ धाकड़ समाज में अपनी मजबूत पकड़ रखते हैं यह तीनों नेता कोलारस विधानसभा क्षेत्र के अलावा पिछोर शिवपुरी विधानसभा क्षेत्र में भी अपने समाज के अंदर लोकप्रिय है तीनों नेता जिला पंचायत के अध्यक्ष से लेकर जिला पंचायत के सदस्य तक निरंतर निर्वाचित होते रहे हैं परंतु वह तीनों नेता कांग्रेस की राजनीति के अंदर सिंधिया के अनंत भक्त समर्थक माने जाते रहे तथा इसी कड़ी में वह सभी नेता सिंधिया के साथ भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए थे परंतु चंद महीनो बाद ही इनके ऊपर दिग्विजय सिंह द्वारा राजनीतिक डोरे डालकर इन सब को घर वापसी कराने में पूर्व मंत्री पिछोर विधायक के पी सिंह कक्काजू की महत्वपूर्ण भूमिका रही है. कांग्रेस की अगला कदम भारतीय जनता पार्टी के विधायक वीरेंद्र सिंह रघुवंशी जो मूल रूप से पूर्व में सिंधिया समर्थक से परंतु स्वार्थों की खातिर सिंधिया से अलग होकर भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने के बाद विधायक तो बन गए परंतु उनके मंसूबों पर उस समय पानी फिर गया जब सिंधिया खुद भारतीय जनता पार्टी में समर्थकों को साथ आ गये तभी से वह भा जा पा में बेचैनी महसूस कर कांग्रेस में शामिल होने की मशक्कत कर रहे थे परंतु कोलारस विधानसभा क्षेत्र के इन तीनों नेताओं की घर वापसी के साथ ही बैजनाथ सिंह यादव भी कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में कोलारस विधानसभा क्षेत्र से प्रबल दावेदार हैं ऐसी स्थिति में रघुवंशी का घर वापसी का मन पशोपश में है. सिटी टुडे को प्राप्त जानकारी के अनुसार शिवपुरी,गुना अशोकनगर जिले के कुछ और भी सिंधिया समर्थक नेता कांग्रेस के अंदर घर वापसी जल्दी कर सकते हैं राजनीतिक समीक्षकों के मुताबिक एक अनार सौ बीमार की कहावत के तहत इन नेताओं की राजनीतिक महत्वाकांक्षा पूरी हो या ना हो परंतु इन सब घटनाक्रमों से सिंधिया खेमे को चुनाव की दृष्टि से ही नहीं भविष्य के लिए भी गहरा झटका लगेगा. दूसरी ओर ग्वालियर में भी गुर्जर समाज के सम्मेलन में पूर्व विधायक सिंधिया समर्थक रामबरन सिंह गुर्जर ने अपने नेता केंद्रीय नागरिक उडयन, इस्पात मंत्री ज्योतिरादितया सिंधिया के समक्ष सार्वजनिक रूप से भारतीय जनता पार्टी पर सिंधिया समर्थकों के साथ सोतेलेपन का आरोप लगाना भी एक अलग राजनीतिक अहमियत रखता है क्योंकि अंचल के अधिकतर गुर्जर समाज के नेता कांग्रेस की नाव में सवार है तथा भविष्य में कुछ वरिष्ठ भाजपा नेता भी अपनी शर्तों के तहत कांग्रेस की नाव में सवार हो सकते हैं.