दिल्ली हाई कोर्ट ने 1984 के सिख विरोधी दंगों से संबंधित एक मामले में कथित भूमिका के लिए कांग्रेस नेता कमलनाथ के खिलाफ कार्रवाई की मांग वाली याचिका पर एसआईटी को अपनी स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का समय दे दिया है. जस्टिस स्वर्णकांता शर्मा की बेंच ने मामले की अगली सुनवाई 23 अप्रैल को करने का आदेश दिया। उल्लेखनीय है कि भाजपा नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की है.
मामला 03 नवंबर 1984 का है. कमलनाथ पर आरोप है कि वे दिल्ली के गुरुद्वारा रकाबगंज पर हमला कर रही भीड़ का नेतृत्व कर रहे थे. गुरुद्वारा रकाबगंज पर हुए हमले में सिखों को जिंदा जला दिया गया था. याचिका में सिरसा ने मांग की है कि कमलनाथ के खिलाफ दर्ज First Information Report में एसआईटी कार्रवाई करे. गुरुद्वारा रकाबगंज पर हमला मामले में कमलनाथ के खिलाफ दिल्ली के संसद मार्ग थाने में First Information Report दर्ज की गई है. First Information Report में पांच लोगों को आरोपित बनाया गया है जो कमलनाथ के घर में छिपे थे.
संसद मार्ग थाने में दर्ज First Information Report में नामित सभी आरोपितों को बरी कर दिया गया और कमलनाथ के नाम का First Information Report में कभी उल्लेख नहीं किया गया. एसआईटी ने 2019 में सिख विरोधी दंगों के उन मामलों को दोबारा खोलने का फैसला किया था जिनमें या तो दोषी बरी कर दिए गए थे या ट्रायल बंद कर दिया गया था. एसआईटी के इस फैसले के बाद सिरसा ने कमलनाथ को भी बतौर आरोपित बनाकर मुकदमा चलाने की मांग की है.