दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को बार काउंसिल ऑफ इंडिया से कहा कि वो छह हफ्तों के अंदर सीनियर वकीलों और लॉ फर्म द्वारा जूनियर वकीलों को दिए जाने वाले मिनिमम स्टाइपेंड के मुद्दे पर निर्णय ले। गुरुवार को एक्टिंग चीफ जस्टिस मनमोहन द्वारा हेड की गई बेंच ने वकीलों की सबसे बड़ी संस्था को निर्देश दिया कि वो इस संबंध में जल्द से जल्द फैसला ले।
जूनियर वकीलों को स्टाइपेंड देने की मांग को लेकर सिमरन कुमारी की याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि इस मुद्दे को उठाया जाना चाहिए, इस पर निर्णय लिया जाना चाहिए। प्लीज छह हफ्तों के अंदर फैसला लें। BCI (बार काउंसिल ऑफ इंडिया) को इस मामले में फैसला लेना चाहिए।
कोर्ट ने दिल्ली बार काउंसिल को भी इनपुट देने के लिए कहा
इस दौरान बीसीआई की तरफ से पेश हुए वकील ने कहा कि मामला विरोधात्मक नहीं था और इस मामले पर बैठक में भी विचार किया गया था, लेकिन आगे विचार-विमर्श स्थगित कर दिया गया। उन्होंने अदालत को भरोसा दिलाया कि मामला लंबित है और इस पर फैसला लिया जाएगा। कोर्ट ने दिल्ली बार काउंसिल से भी इस मुद्दे पर बार काउंसिंल ऑफ इंडिया को अपना इनपुट देने के लिए कहा।
मामले की सुनवाई कर रही एक्टिंग चीफ जस्टिस मनमोहन की बेंच में जस्टिस तुषार राव गेडेला भी शामिल थे। बेंच ने अपने आदेश में कहा कि कोर्ट BCI को निर्देश देता है कि वो याचिका दायर करने वाले के रिप्रजेंटेशन पर कानून के अनुसार छह हफ्ते के भीतर फैसला ले।