May 4, 2025
  • डाक विभाग ने दिल्ली के डाक भवन में 3 दिवसीय प्रदर्शनी का किया है आयोजन, सिंधिया बने पहले विजिटर।
  • डाक टिकट संग्राहकों से भी की बातचीत, कहा “चिट्ठी लिखने की प्रथा को वापस लाना चाहिए, मैंने भी कॉलेज के दिनों में कई डाक टिकटों का किया था संग्रह।”

20 जनवरी 2025। संविधान की 75वीं वर्षगांठ का जश्न पूरा देश मना रहा है, इसी उपलक्ष में भारतीय डाक विभाग द्वारा दिल्ली के राष्ट्रीय डाक टिकट संग्रहालय में एक प्रदर्शनी का आयोजन किया गया है। आज सुबह केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया प्रदर्शनी के पहले विजिटर बने जहां उन्होंने प्रदर्शनी देखने के साथ साथ बच्चों और कलाकारों से मुलाकात की।

बाबा साहेब अंबेडकर द्वारा लिखित पत्र देख भावुक हुए सिंधिया
बता दें की प्रदर्शनी में डाक विभाग ने प्रदर्शनी में भारतीय संविधान और गणतंत्र पर जारी हुए सभी डाक टिकटों का शो किया है। इसी के साथ कई ऐतिहासिक चिट्ठियों को भी National Archives of India से हासिल कर प्रस्तुत किया गया है। बता दें कि इन्ही चिट्ठियों में से एक चिट्ठी संविधान के रचयिता बाबा साहेब अंबेडकर को थी जिसे देखकर सिंधिया भावुक हो गए। इस चिट्ठी को देख उन्होंने सभी को पत्र लिखने का संदेश भी दिया। उन्होंने कहा कि जो भावना चिट्ठी लिखने में आती है वह email या message में नहीं आती।

संविधान पर विशेष पोस्टकार्ड का किया विमोचन

सिंधिया ने संविधान पर डाक विभाग द्वारा प्रकाशित विशेष पोस्टकार्ड का भी विमोचन किया। बता दें कि इन पोस्टकार्ड को संविधान की रूपरेखा के अनुरूप ही डिजाइन किया गया है।

बच्चों से को मुलाकात, म्यूजियम की दुकान से की खरीदारी
दिल्ली के विभिन्न स्कूलों से आए बच्चों से भी सिंधिया ने मुलाकात की। इसी के साथ उन्होंने म्यूजियम की दुकान से खरीदारी करते हुए लकड़ी से बने हुए एक मिनी पोस्ट बॉक्स को खरीदारी कर UPI से उसका payment किया। साथ ही उन्होंने देशभर से आए 4 डाक टिकट संग्राहकों (Philatelists) से भी बातचीत की।

संविधान हमारे देश के विकास का मार्गदर्शक है: सिंधिया
अपने संबोधन में सिंधिया ने सभी नागरिकों को म्यूजियम में आकर प्रदर्शनी देखने का निमंत्रण दिया। उन्होंने बताया कि संविधान हमारे देश का ग्रंथ है एवं मार्गदर्शक है और आज डाक विभाग द्वारा आयोजित इस प्रदर्शनी के माध्यम से हम नई पीढ़ी को अपने संविधान को गौरवपूर्ण यात्रा से जोड़ पाएंगे।

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