May 31, 2025
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सिटी टुडे। एक तरफ वर्तमान में परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा की अवैध रूप से नियुक्ति और नियुक्ति के बाद ठेकेदारी व्यवस्था और भंडाफोड़ से पूर्व समय रहते स्वैच्छिक सेवा निवृति की अवैध स्वीकृति प्रक्रिया और सूत्रों अनुसार लोकायुक्त, आईटी और ईडी की अलग अलग कार्यवाहियों में अरबों की संपतियों और सोने चांदी की साथ साथ करोड़ो की नगदी, नोट गिनने की मशीनें, परिवहन विभाग के बैरियर से जुड़े रसीद कट्टे और सीलें मिलीं संभवतः सत्तापक्ष में आपसी कलह के चलते सौरभ के विभीषण को तलाशकर राजनीतिक द्वेष के चलते मोहरे बनाकर स्वार्थ की शतरंज खेलते खेलते दो वजीरों ने प्रदेश की सरकार के गले में हड्डी फंसा दी है जिसे निगलना है या उगलना है सरकार इस कश्मकश में है, जिसके कारण मप्र की राजनीति पूरे उफान पर है सत्तापक्ष आपसी कलह के काल से जूझ रहा है तो विपक्ष आक्रामक होकर राजनीति राजनीति खेल रहा है।

ट्रांसपोटर्स की माने तो मप्र की मोहन यादव सरकार ने 1 जुलाई 2024 को परिवहन चेकपोस्ट बंद करते हुए ट्रांसपोटर्स से आश्वासन दिया था कि अब RTO बैरियर पर लूट बंद होगी लेकिन चेकपोस्ट बंद कर पैट्रोलिंग आधार पर चेक प्वॉइंट बनाया जान हाथी की दिखावटी दांत हैं दरअसल ट्रांसपोर्टर्स की माने तो लूट तो बंद नहीं हुई बल्कि अब डकैती भी चालू हो चुकी है।

कमाल तो इस बात का भी है कि सौरभ शर्मा द्वारा नियुक्त करवाए खुद की टीम के खिलाड़ी अब भी कई चेक प्वाइंट पर तैनात है, वर्तमान में परिवहन मंत्री के निज सचिव वीरेंद तिवारी पूरी गर्मजोशी से चेक पॉइंट्स की कमान बखूबी संभाले हुए हैं।

सौरभ से जुड़े मामले की ज्वालमुखी का लावा अभी सिर्फ पूरे उबाल पर ही है लेकिन पूरी बेफिक्री और निडरता के साथ परिवहन चेक प्वॉइंटस पर अवैध एंट्री वसूली की खबरें और वीडियो लगातार सामने आ रहे है। ताजा वीडियो सामने आया है हनुमना चेक पॉइंट् से जिसमें आरोप है कि एंट्री के नाम पर ड्राइवर से जबरदस्त मारपीट की गई। इस वीडियो के प्रसारित होने के बाद परिवहन निरीक्षक रवि मिश्रा ने स्वयं मीडिया से बात के दौरान स्वीकार्य किया कि उक्त वीडियो स्वयं उनके द्वारा बहुप्रसारित करवाया गया है क्योंकि परिवहन माफिया स्वयं इस प्रकार भ्रामक वीडियो बनाकर एक दूसरे से सोशल मीडिया पर डलवाकर परिवहन कर्मचारीओ, विभाग और सरकार पर अनैतिक दबाव बनाकर एक गाड़ी के दस्तावेजों पर खुद की आठ आठ गाड़ियां अवैध तरीके से निकलवाने के लिए प्रयासरत रहते हैं।

सागर में राजनेताओं की आपसी खींचतान और मनमाफिक पोस्टिंग होने न होने के विवाद के बाद हनुमना मऊगंज में भी राजनेताओं के पचड़ों में परिवहन विभाग को उलझाकर कोल माफिया और ट्रांसपोर्ट माफिया दोनों हाथों में लड्डू रखकर शासन प्रशासन को जबरन प्रभावित कर अपना अवैध व्यापार खुलेआम करना चाहते हैं। इसका खामियाजा जहां मप्र सरकार को सहकर सैकड़ों करोड़ों की राजस्व हानि के साथ ही मुफ्त में मिल रही बदनामी के कलंक के रूप में उठाना पड़ रहा है।

दरअसल मामला समझ तो यही आ रहा है कि परिवहन माफिया हों या बंद हुई परिवहन चौकियां दोनों ही एक दूसरे के पूरक थीं क्योंकि माफिया चाहते है अनैतिक दबाव बनाना और राजनीतिक संरक्षण वहीं राजनीतिक संरक्षण प्राप्त होकर चौकी प्रभारी बने विभागीय व्यक्ति कथित सिस्टम बनाकर चलना लेकिन सूत्रों की मानें तो जब सूबे में सत्ता बदली तो नई नई बनी मोहन सरकार पर अधिकाधिक दबाव बनाने माफियाओं ने सिंडिकेट बनाकर प्रयास किए और दबाव में लिया भी। अंततः मोहन सरकार ने परिवहन चौकी तो बंद कर दी लेकिन ट्रांसपोर्टर्स के अनुसार जो पहले लूट थी अब डकैती में बदल गई है।

खैर अब 17 जनवरी 2025 की घटना को लेकर अखिल भारतीय ट्रांसपोर्टर वेलफेयर एसोसिएशन (AITWA) ने मध्य प्रदेश की सीमाओं पर ट्रक ड्राइवरों के साथ हो रहे उत्पीड़न और हमलों को लेकर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को दो पत्र लिखे है। इस पत्र में संगठन ने इस मुद्दे पर तत्काल कार्रवाई करने की मांग की है।


इस पत्र में घटना की पूरी जानकारी देते हुए AITWA ने बताया कि इस मामले में घबराए चालक ने हनुमना पुलिस स्टेशन जाकर उप निरीक्षक इन्द्रेश से मदद मांगी। लेकिन पुलिस के घटनास्थल पर पहुंचने और जांच करने की कोशिश के बावजूद आरटीओ कर्मचारियों ने कोई सहयोग नहीं किया। उन्होंने पुलिस के सामने ही ट्रक चालक को गालियां दीं और धमकाया। इसके बाद इस घटना से घबराए ट्रक चालक ने औपचारिक शिकायत दर्ज करने से मना कर दिया।

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