कांग्रेस की हालत तो घर में पड़े खाली मटके जैसी हो गई है. जो न तो भूख मिटा पा रही है और हवा चलने पर पड़ोसियों तक पता चल जाता है कि फला के घर के बर्तन खाली पड़े है. देश की सत्ता में सबसे ज्यादा राज करने वाली पार्टी आज अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है. पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की जब एक न सुनी गई तो वो एक-एक कर कांग्रेस से विदा लेते गए. आखिरकार कब तक एक ढाल तले कोई सैनिक अपनी जान बचाता रहेगा. कभी तो उसके सिर पर भी राजा का हाथ होना चाहिए. यही हाल इन वरिष्ठ नेताओं का भी है. कांपते हाथों में कांग्रेस का झंडा थामें ये नेता सत्ताधारी दल से लगातार भिड़ते रहे मगर अपने घर के मतभेदों पर जब खुलकर बोले तो उन्हें बागी कह दिया गया.
लोगों से मिलेंगे राहुल गांधी
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा कर रहे हैं. इसके जरिए वो भारत की आवाम से संवाद स्थापित करेंगे. वो लोगों को बताएंगे कि बीजेपी कैसे देश का नुकसान कर रही है और कांग्रेस क्यों देश के लिए जरूरी है. खैर, ये 2014 में होने वाला लोकसभा चुनाव बताएगा कि राहुल गांधी को इस पदयात्रा से कितना नफ़ा नुक़सान होगा. राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा की टैगलाइन है – मिले कदम, जुड़े वतन. 150 दिनों में साढ़े तीन हजार किलोमीटर का सफर पूरा करने वाली ये यात्रा 7 सितंबर को शाम 5 बजे कन्याकुमारी से शुरू होगी और कश्मीर पहुंच कर खत्म होगी – ये यात्रा 12 राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों से होकर गुजरने वाली है. भारत जोड़ो यात्रा के दौरान रोजाना 20 किलोमीटर की दूरी कवर करने का प्लान है, जिसके लिए शामिल वालंटियर तीन घंटे सुबह और तीन घंटे शाम पदयात्रा करेंगे. पूरी पदयात्रा के लिए तीन कैटेगरी बनायी गयी है – भारत यात्री, प्रदेश यात्री और गेस्ट यात्री और इस तरह मुख्य रूप से 300 पदयात्रियों के यात्रा में शामिल होने की अपेक्षा है.