अमूल के पूर्व एमडी आरएस सोढ़ी ने सोशल मीडिया के माध्यम से 800 रुपये किलो घी बेचने वाली कंपनी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। ऐसे में उन्होंने FSSAI से पूछे जाने वाले अनेकों सवालों के जवाब दिए हैं। सोढ़ी उस ट्वीट का जवाब दे रहे थे जिसमें FSSAI से पूछा गया था कि बीज और अखरोट के तेल से बने शाकाहारी उत्पाद को घी कैसे कहा जा सकता है और वे इसकी अनुमति कैसे देते हैं.
सोढ़ी ने ट्विटर पर लिखा, ‘यह उपभोक्ता के साथ उच्चतम स्तर का धोखा है. 2-3 वनस्पति तेलों का मिश्रण, जिसकी कीमत 250 रुपये प्रति किलोग्राम से अधिक नहीं है, 800 रुपये में बेचा जा रहा है. @fssaiindia को ऐसे सभी नकली फूड प्रॉडक्ट्स के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए.’ सोढ़ी ने यह ट्वीट 20 जनवरी को किया था और अब तक इसे 23,000 से अधिक बार देखा जा चुका है. पोस्ट को नेटिज़न्स से मिली-जुली प्रतिक्रिया मिली.
एक यूजर ने टिप्पणी की, ‘न केवल उत्पादों पर बल्कि @fssaiindia पर भी कार्रवाई होनी चाहिए क्योंकि उन्होंने इस प्रकार के उत्पादों #veganghee के लिए परमिट लेने के लिए कितने निम्न मानक निर्धारित किए हैं, fssai लाइसेंस प्राप्त करने के लिए सख्त मानदंड होने चाहिए.’ दूसरे यूजर ने पूछा, ‘कैसे राष्ट्रीय आदर्श मानक निकाय आपको ऐसा करने की अनुमति दे रहा है?’
सोढ़ी के जवाब में पेटा इंडिया ने भी टिप्पणी की, ‘अमूल या किसी अन्य डेयरी कंपनी को शाकाहारी उपभोक्ता मांग को पूरा करने से कोई नहीं रोकता है.’