मध्यप्रदेश के दमदार आईपीएस अधिकारीओं में से एक कैलाश मकवाना एक बार फिर चर्चा में है, अपनी सोशल मीडिया पर की गई पोस्ट ने उन्हे पुनः सुर्खियों में ला दिया है, 1988 बैच के आईपीएस अधिकारी कैलाश मकवाना को उनकी ईमानदार छवि के चलते ही मुख्यमंत्री ने लोकायुक्त का डीजी बनाया था। डीजी बनते ही मकवाना फार्म में आ गए और प्रदेश में मकवाना के तेवर से प्रदेश के बड़े साहबों में खौफ का माहौल बन गया। कई बड़े भ्रष्ट अधिकारियों की मकवाना ने गर्दन पकड़ ली। वही एक खेमे ने मकवाना के खिलाफ लॉबिंग शुरू कर दी थी। मकवाना ने सीएम के ड्रीम प्रोजेक्ट महाकाल लोक में भ्रष्टाचार की जांच शुरू कर दी थी। साथ ही लंबे समय से पड़ी शिकायतों की पुरानी फाइलों को खोलना शुरू कर दिया था और यही वजह बनी की उन्हे 6 महीने के अंदर ही लोकायुक्त डीजी के पद से हटा दिया गया, मकवाना ने ट्वीट किया है कि “मेरे लहजे में जी हुजूर नहीं था, बस इसके सिवा मेरा कोई कसूर न था” माना जा रहा है कि उन्होंने इस ट्वीट से सरकार पर निशाना साधा है। इसके साथ ही मकवाना ने नसीहत देते हुए लिखा है कि “अपनी रीढ़ की हड्डी को सीधा रखें, जो सही और न्यायपूर्ण है, वही करें”
2 दिसंबर 2022 को आईपीएस कैलाश मकवाना की बेटी ने उनके तबादले के बड़ा ट्वीट किया था कि पापा मुझे आप पर गर्व है, उनकी बेटी श्रुति मकवाना ने यह भी लिखा कि “उसूलों पे जहां आंच आए टकराना जरूरी है जो जिंदा हो तो फिर जिंदा नज़र आना जरूरी है” आईपीएस कैलाश मकवाना को 6 महीने के अंदर ही महानिदेशक लोकायुक्त संगठन के पद से हटाकर अध्यक्ष मध्यप्रदेश पुलिस हाउसिंग कारपोरेशन भोपाल बनाया गया था, अब मकवाना की इस पोस्ट ने एक फिर उन्हे चर्चा में ला दिया है, एक ईमानदार और दबंग अधिकारी की छबि वाले आईपीएस कैलाश मकवाना की इस पोस्ट के बाद विपक्ष का सरकार पर बयानी हमला तय है।