मध्यप्रदेश के जबलपुर संस्कारधानी के साथ-साथ प्रदेश का रक्षा शहर भी कहलाता है, जबलपुर में स्थित विभिन्न फैक्ट्री जिनमें गन कैरिज फैक्ट्री, खमरिया फैक्ट्री और व्हीकल फैक्ट्री ने भारत की विभिन्न लड़ाईया में कई हथियार और बम देश को दिए हैं, और इसीलिए भी जबलपुर का महत्व पूरे प्रदेश में काफी ज्यादा बढ़ जाता है. परंतु जबलपुर की जीसीएफ फैक्ट्री का निर्माण एक चमत्कारिक घटना के पश्चात प्रारंभ हुआ जिसमें स्वयं हनुमान जी ने ब्रिटिश अफसर के सपने में आकर अपनी मूर्ति के विषय में बताया और फैक्ट्री निर्माण में मदद की.
बता दें कि ब्रिटिश ऑफिसर स्मिथ मध्यप्रदेश के जबलपुर में हथियारों के मास प्रोडक्शन हेतु एक फैक्ट्री का निर्माण करवाना चाहते थे, जिसे उन्होंने गन कैरिज फैक्ट्री का नाम दिया था परंतु जब भी वह फैक्ट्री की दीवार बनाते थे तो रात में वह खुद-ब-खुद है ढह जाती थी. कई दिनों तक यही प्रक्रम चलता रहा कि दिन भर का काम शाम में धराशाई हो जाता था, इस घटना से परेशान होकर स्मिथ एक रात जब सोने गए तो उनके सपने में स्वयं हनुमान जी आए और बताया कि फैक्ट्री निर्माण की जगह के आसपास उनकी एक मूर्ति दबी हुई है.
अगले दिन उठकर स्मिथ ने चारों तरफ खुदाई का कार्यक्रम शुरू करवा दिया और हनुमान जी के दिव्य मूर्ति देखकर अंग्रेज ऑफिसर को अपनी आंखों पर विश्वास नहीं रहा उन्होंने लाल पाट में लपेटकर हनुमान जी की मूर्ति रखवा दी और इस प्रकार 12 अगस्त 1903 के ऐतिहासिक दिन निर्माण हुआ जबलपुर के प्रसिद्ध पाट बाबा मंदिर का.आप भी यह जानकर हैरान रह जाएंगे कि पाट बाबा मंदिर के निर्माण के पश्चात गन कैरिज फैक्ट्री का काम जैसे ही प्रारंभ किया गया बिना अड़चनों के सकुशल वह काम संपन्न हो गया और जबलपुर में विशाल गन कैरिज फैक्ट्री बनकर तैयार हो गई.
जीसीएफ फैक्ट्री जबलपुर के निकट स्थित पाठ बाबा मंदिर में हनुमान जी की दिव्य प्रतिमा के अलावा पाटेश्वर महादेव का मंदिर निर्मित कराया गया है साथ ही मां आदि शक्ति दुर्गा जी का भी एक अद्भुत मंदिर बनवाया गया है जहां पर सावन के महीने में विभिन्न श्रद्धालु आकर महादेव और पाट बाबा की भक्ति करते हैं। मंदिर प्रांगण में चारों तरफ हरियाली का माहौल रहता है और वहां पाट बाबा उद्यान का भी निर्माण कराया जा रहा है.