जयवर्धन, प्रियव्रत तथा पीसी शर्मा को समिति से रखा बाहर
सिटी टुडे। मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा हाईकमान के निर्देश पर चुनाव अभियान समिति तथा चुनाव समिति की घोषणा पिछले दिनों कर दी। जहां चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष दिग्विजय सिंह समर्थक आदिवासी नेता कांतिलाल भूरिया को बनाया गया उल्लेखनीय है कि श्री भूरिया के सुपुत्र भी मध्य प्रदेश युवक कांग्रेस के अध्यक्ष हैं वही चुनाव समिति के अध्यक्ष स्वयं कमलनाथ है.
पहली बार ऐसा देखा गया है कि इन समितियों में जयवर्धन सिंह प्रियव्रत सिंह तथा पीसी शर्मा को कोई स्थान नहीं दिया गया है दोनों तीनों नेता दिग्विजय सिंह समर्थक हैं। हालांकि वही दिग्विजय सिंह के विरोध के बाद ही श्री राहुल गांधी के करीबी आदिवासी युवानेता पूर्वमंत्री उमंग सिंगार के अलावा महाकौशल के आरक्षित वर्ग के नेता पूर्वमंत्री लखन घनघोरिया को किसी भी समिति में नहीं लिया गया, इन समितियों में कमलनाथ के सुपुत्र नकुलनाथ सांसद के अलावा दिग्विजय सिंह के अनुज एवं पूर्व सांसद तथा विधायक लक्ष्मण सिंह को जरूर इन समितियों में स्थान प्राप्त हुआ है.
राजनीतिक समीक्षकों के अनुसार हाईकमान तथा प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ पर हमेशा हावी होकर कॉंग्रेस के अंदर अपने राजनीतिक विरोधियों को शतरंजी चाल से निपटाने वाले दिग्विजय सिंह को इन समितियों के मामले में कही न कही थोड़ी मात जरूर मिली है परंतु दिग्विजय सिंह यूँ चुप नहीं बैठ सकते क्योंकि ग्वालियर में प्रियंका गांधी की आमसभा के दौरान दिग्विजय सिंह की मंशा थी के जयवर्धन सिंह आम सभा को संबोधित करें परंतु कारण जो भी हो ऐसा नहीं हो सका बल्कि नकुलनाथ ने जरूर आम सभा को संबोधित किया.
ज्ञात हो कि कांग्रेस की राजनीति के अंदर जयवर्धन सिंह को विधानसभा चुनाव के लिए उज्जैन तथा इंदौर का प्रभारी बनाए जाने के बाद से ही कांग्रेस के वरिष्ठ स्थापित नेता दबी जबान से विरोध कर रहे थे हाईकमांड तथा कमलनाथ के कानो तक इस विरोध की गूज पहुँची लेकिन देर से पहुंची शायद उसी का असर इन समितियों पर पड़ा परंतु क्या कमलनाथ जयवर्धन सिंह को इंदौर तथा उज्जैन के प्रभारी पद से संशोधित कर किसी अन्य वरिष्ठ स्थापित नेता को जिम्मेदारी देने का साहस करेंगे ? हालांकि कांतिलाल भूरिया की अध्यक्षता में बनाई गई समिति में अधिकतर दिग्विजय सिंह समर्थक ही हैं जो सभी विधानसभा का चुनाव लड़ेंगे इस बात को लेकर भी विरोध प्रकट किया जा रहा है.
कमलनाथ का Msg मैं Yes Man नहीं
कमलनाथ के नजदीकी सूत्रों के मुताबिक कमलनाथ ने पार्टी कार्यकर्ताओं व नेताओं में इस छवि को दूर करने का प्रयास किया है कि कमलनाथ दिग्विजय सिंह के यस मैन नहीं. राजनीतिक समीक्षकों के मुताबिक अगर कमलनाथ का यह प्रयास Yes Man वाली छवि को समाप्त करता है तो निसंदेह कांग्रेस मजबूत होगी लेकिन कमलनाथ की असली परीक्षा विधानसभा प्रत्याशी चयन करते समय होगी क्या तब कमलनाथ पार्टी कार्यकर्ताओं तथा नेताओं में Yes Man की छवि से बच सकेंगे यदि प्रत्याशी चयन में Yes Man की छवि टूटी तो कांग्रेस मजबूत होगी और सत्ता में वापसी कर सकेगी।
वहीं सूत्रों अनुसार जयवर्धन सिंह राघौगढ़ विधानसभा क्षेत्र से तीसरी बार विधानसभा के प्रत्याशी होंगे परंतु लक्ष्मण सिंह चाचौड़ा विधानसभा क्षेत्र से प्रत्याशी होंगे अथवा नहीं संशय बना हुया है क्योंकि एक तरफ दिग्विजय सिंह के अनुज लक्ष्मण सिंह डटे हुए है तो दूसरी तरफ दिग्विजय सिंह की पत्नी भी चाचौड़ा से विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए उत्सुक हैं अगर ऐसा हुआ तो लक्ष्मण सिंह सिरोंज की ओर अपना रुख कर सकते हैं परंतु क्या हाईकमांड तथा कमलनाथ एक ही परिवार को 3 सीटों पर विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए प्रत्याशी बनाएगा यह भविष्य के गर्भ में है