सिटी टुडे। मध्य प्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग की प्रभारी रही शोभा ओझा पर तमाम शिकायतों के बाद प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने जब पाबंदी लगा दी तब ओझा ने इसे स्वयं का अपमान मानकर प्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग में अपने पुराने साथी रहे मीसाबंदी के.के. मिश्रा जो मीडिया विभाग के अध्यक्ष भी हैं के मीडिया विभाग की गुटबाजी बंद कमरे से निकलकर अब सड़कों पर आ गई है वो भी तब जब प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ रात दिन मेहनत कर कांग्रेस की सरकार बनाने में अथक जोर लगा रहे हैं.
मंगलवार को प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अंदर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की छिंदवाड़ा में हनुमान लोक बनाने की घोषणा के संबंध में प्रदेश सरकार को सद्बुद्धि देने के उद्देश्य से हनुमान चालीसा का पाठ करवाया जा रहा था तब प्रदेश अध्यक्ष पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के मीडिया सलाहकार श्री पीयूष बवेले के निर्देश पर मीडिया विभाग की वरिष्ठ उपाध्यक्ष संगीता शर्मा भी वहां पहुंचकर हनुमान चालीसा पाठ में शामिल होकर पाठ करने लगी तभी मीडिया विभाग के एक अन्य नये नवेले उपाध्यक्ष अवनीत बुंदेला ने जिस अभद्र भाषा तथा अपशब्दों का उपयोग अपने वरिष्ठ उपाध्यक्ष संगीता शर्मा को हनुमान चालीसा का पाठ करते हुए मीडिया के सामने न केवल सार्वजनिक रूप से अपमानित किया बल्कि बाहर जाने के लिए चेतावनी भी दे डाली, संगीता शर्मा के मुताबिक वक्त की नजाकत को समझते हुए उन्होंने वहां से जाना मुनासिब सिर्फ समझा जैसे ही संगीता शर्मा पाठ से उठकर बाहर जाने लगी तो खुशी से गदगद अवनीश बुंदेला ने जय श्री राम के नारे लगाने शुरू कर दिए मानो उनको किसी पर विजय हासिल हो गई हो।
क्या सत्ता में आने के ख्वाब देखकर अभिमान के नशे में नारी का अपमान करना उचित है, वह भी राजधानी की मीडिया टीमों के सामने जिसे टीवी चैनल द्वारा प्रायोजित उद्देश्य रूप से अधिकाधिक प्रसारित किया गया. बताया जाता है कि इसके पूर्व के के मिश्रा तथा शोभा ओझा के षडयंत्र से ही संगीता को बैठने के लिए आवंटित कमरे से बेदखल महज इसलिए कर दिया गया था कि वह भाजपा सरकार के खिलाफ प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के पक्ष में मीडिया को अधिक से अधिक बाईट देती थी जो लोगों को हजम न था. आखिर इससे कांग्रेस की छवि पर क्या प्रभाव पड़ेगा इस बात का अंदाजा शायद गुट बाजी में फसी प्रदेश मीडिया को अंदाजा नहीं है,
खैर सूत्रों की मानें तो इस पूरी घटना की जानकारी प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ को लग गई है बताया जाता है कि इस घटना से वे आहत भी हैं तथा जल्दी ही कोई निर्णय ले सकते है. लेकिन सवाल उठता है कि संगठन तथा प्रदेश अध्यक्ष के प्रति जिस लग्नशीलता जुझारू रूप से संगीता शर्मा गुटबाजी से परहेज रखकर मीडिया टीम के पदाधिकारी काम कर रहे हैं उसके बाद भी गुटबाजी को प्रोत्साहन देकर ऐसे समर्पित लोगों को बाहर कर दिया जाता है। सूत्रों अनुसार इसी गुटबाजी के कारण ग्वालियर संभाग के एक मीडिया पदाधिकारी को बाहर कर दूसरे राम शर्मा को घर बैठने पर मजबूर कर दिया गया है. प्राप्त जानकारी अनुसार प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ इस बात से भी दुखी है की मीडिया विभाग में ऐसी कौन से शख्स है जो भा जा पा के प्रति निष्ठावान वफादार होकर कांग्रेस का चोला पहनकर मुख्यमंत्री से लेकर प्रशासनिक अधिकारियों तथा नरेंद्र सलुजा को सभी सूचनाओं का आदान-प्रदान करते हैं. प्रदेश कांग्रेस की एक पूर्व पदाधिकारी ने कहा की इन सब घटनाओं से कांग्रेस की छवि खराब हो रही है प्रदेश अध्यक्ष श्री कमलनाथ गुटबाजी के किसी दबाव में इन पर क्यों नहीं कठोर कार्रवाई कर रहे यह भी एक प्रश्न चिन्ह बना हुआ है उसे वरिष्ठ प्रदेश पदाधिकारी के मुताबिक अगर प्रदेश मीडिया विभाग पर जल्दी ही कोई सर्जरी कर कठोर कार्रवाई नहीं की गई तो भविष्य में इससे भी बड़ी कोई घटना होने की आशंका है.