डबरा में सुरेश राजें का विरोध हुआ तो दिग्विजय बोले कमलनाथ से बोलो वो सर्वेसर्वा, शिवपुरी से कक्काजू को दिया तो रघुवंशी समाज से बोले कमलनाथ दिग्विजय सिंह का कुर्ता फाड़ो
सिटी टुडे। मप्र विधानसभा चुनाव की दहलीज पर है, टिकट वितरण चालू है। एक समय था जब राजनीति और नेता व कार्यकर्ता पार्टी की विचारधारा को समर्पित होते थे लेकिन आज नेताओं ने सिद्धांतो का चोला बदलना शुरू कर दिया है। भाजपा जहां 136 टिकट घोषित कर चुकी है वहीं कॉंग्रेस ने भी नवरात्र की आरम्भता होते ही 144 प्रत्याशी घोषित कर दिए है। सूची में नाम न स्वयं का नाम बार बार ढूढ़ने पर भी जब कहीं नही दिखा तो ऐसे स्वार्थी और अति महत्वाकांक्षी नेताओं ने बरसों पुरानी पार्टी छोड़ने में एक मिनट की भी देर नहीं की आस्था-प्रतिबद्धता सब किनारे रह गए।
भाजपा में बुंदेलखंड की बात करे तो पूर्व सांसद लक्ष्मीनारायण यादव ने तो खुले तौर पर हाईकमान को बहरा और अंधा तक कह डाला। इतना ही नहीं उनके पुत्र सुधीर यादव ने भी बगावत कर दी है। छतरपुर जिले के पूर्व जिलाध्यक्ष घासीराम पटेल तो बसपा का दामन थाम चुके हैं, इसी तरह यहां के करण सिंह लोधी ने भी पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है।
वहीं भिंड में भी बीजेपी को तब बड़ा झटका लगा जब बीजेपी के वरिष्ठ नेता चार बार के विधायक रसाल सिंह ने बीजेपी छोड़ बीएसपी का दामन थाम लिया। वो बीजेपी के टिकट पर पिछले दो चुनाव लहार विधान सभा क्षेत्र से लड़े थे लेकिन दोनों बार नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर गोविंद सिंह से हार गए थे। इस बार बीजेपी ने उनका टिकट काटा तो रसाल सिंह फौरन बीजेपी छोड़ बीएसपी में चले गए और अब बीएसपी से लहार विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे। आज बीएसपी के प्रदेश प्रभारी सुनील बघेल व जोन प्रभारी दिलीप बौद्ध ने रसाल सिंह को सदस्यता दिलाई।
सागर की राहतगढ़ नगर पंचायत की अध्यक्ष और बीजेपी नेता प्रियंका गोलू राय ने भाजपा के 6 पार्षदों सहित कांग्रेस का हाथ थाम लिया। कल तक राहतगढ़ नगर परिषद पर भाजपा का कब्जा था लेकिन प्रियंका और भाजपा पार्षदों के साथ निर्दलीय पार्षद भी कांग्रेस में शामिल हो गए। 15 सदस्यीय परिषद में अब भाजपा के सिर्फ 5 पार्षद बचे हैं इनके अलावा जनपद सदस्य सहित कई भाजपा नेता कांग्रेस में शामिल हो गए।
भिण्ड जिले की मेहगांव विधानसभा से भी भाजपा प्रत्याशी के विरुद्ध जबरदस्त विरोध के सुर संगठन तक पहुचे है।
मध्य प्रदेश में कांग्रेस की पहली सूची आते ही बगावत का दौर शुरू हो गया है। कई जिलों में कांग्रेस नेता टिकट वितरण को अनीतिपूर्ण और गलत बताते हुए विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। कई नेताओं ने पार्टी से इस्तीफा भी दे दिया है। कांग्रेस में फैली असंतोष की आग थमने का नाम नहीं ले रही है।
आपको बता दें कि कांग्रेस पार्टी ने कई जगह बीजेपी, समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और दूसरी पार्टियों से आए प्रत्याशियों पर भरोसा जताकर टिकट दिया है। इसके विरोध में कई जगह पुतले जलाए गए और कई दिग्गज नेताओं ने पार्टी से इस्तीफे दे दिया। इसी क्रम में पहले डबरा प्रत्याशी सुरेश राजें का विरोध होने पर दिग्विजय सिंह ने कार्यकर्ताओं को राजनीतिक तिकड़मी संकेत देते हुए कहा कि कमलनाथ से बात करो वो सर्वेसर्वा है अब उसके बाद जब कमलनाथ शिवपुरी पहुंचे तो कक्काजू को शिवपुरी से टिकट देने का विरोध करने पर रघुवंशी समाज से कमलनाथ ने भी कहने में गुरेज नहीं किया और अपने बेबाक अंदाज में कहा कि मैं क्या करूँ दिग्विजय सिंह का कुर्ता फाड़ो।
भोपाल उत्तर और दक्षिण से कांग्रेस प्रत्याशी पीसी शर्मा व संजीव सक्सेना का कार्यकर्ताओं ने खुलकर किया विरोध, कांग्रेस के बागी बनकर अन्य पार्टियों से लड़ेंगे चुनाव कुछ नेता अगर उनके टिकट नहीं किए गए बदलाव
सागर के नरयावली में कांग्रेस के विरोध में जुलूस निकाला गया और पुतला भी फूंका गया। यहां से शारदा खटीक ने कांग्रेस पर संगीन आरोप लगाते हुए अपने इस्तीफा दे दिया। धार जिले की धरमपुरी से टिकट मांग रहे पूर्व सांसद गजेंद्र सिंह राजूखेड़ी ने इस्तीफा दिया है।
शाजापुर – कालापीपल विधानसभा से टिकट न मिलने पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता चतुर्भुज तोमर ने भी पार्टी छोड़ दी। उन्होंने कांग्रेस पर उपेक्षा का आरोप लगाकर आम आदमी पार्टी ज्वाइन कर ली। चतुर्भुज तोमर कांग्रेस में रहते जिला महामंत्री, जिला पंचायत सदस्य पीसीसी मेंबर सहित कई पदों पर रह चुके थे। लेकिन टिकट न मिलना नागवार गुजर गया। कांग्रेस ने कालापीपल से मौजूदा विधायक कुणाल चौधरी को टिकट दिया है।
नागौद के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधायक यादवेंद्र सिंह ने कमल नाथ पर टिकट में करप्शन का आरोप लगाते हुए पार्टी से इस्तीफा दे दिया और बसपा में शामिल हो गए। उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने मुझसे कहा कि मुझे चुनाव की तैयारी करनी चाहिए। इसलिए मैं दिल्ली और भोपाल आया। और फिर इस तरह से मेरे साथ अन्याय किया गया है। मैंने सभी को फोन किया, लेकिन किसी ने मेरा फोन नहीं उठाया, इसलिए मैं बीएसपी में शामिल हो गया।’ उन्होंने कहा कि 2018 में पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान वह केवल 635 मतों से चुनाव हारे थे।
सतना नागौद और उचेहरा ब्लाक कांग्रेस के अधिकांश पदाधिकारियों ने आज इस्तीफा दे दिया। इन लोगों ने बहुजन समाज पार्टी की सदस्यता ले ली। नागौद ब्लाक कांग्रेस अध्यक्ष गीता प्रसाद तिवारी, उचेहरा ब्लाक कांग्रेस के अध्यक्ष रणजीत सिंह पटेल, सभी उप ब्लॉक अध्यक्ष, आठों मंडलम/सेक्टर अध्यक्ष, यूथ कांग्रेस विधानसभा अध्यक्ष एवं सरपंच संघ के अध्यक्ष गजेंद्र सिंह सिप्पू, आईटी सेल के जिला अध्यक्ष हनुमान सिंह सहित विधानसभा क्षेत्र के लगभग सभी पदाधिकारियों ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया और सब बीएसपी में शामिल हो गए. नागौद नगर परिषद की अध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने भी कांग्रेस छोड़ बीएसपी के हाथी पर सवार हो गयीं। सतना सीट से भाजपा के प्रबल दावेदार शिवा चतुर्वेदी ने भी bsp की सदस्यता ले ली। शिव भाजपा से टिकट न मिलने से नाराज थे। सतना सांसद को भाजपा ने उम्मीदवार बनाया है।
वहीं, कांग्रेस के मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष अजय यादव ने ओबीसी की उपेक्षा का आरोप लगाकर इस्तीफा दे दिया। यादव ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ को एक पत्र लिखा, जिसमें लिखा था, ‘मध्य प्रदेश में आपके (कमलनाथ) नेतृत्व में यह हमेशा आश्वस्त किया गया था कि इस बार पिछड़े वर्ग के उम्मीदवारों को चयन के दौरान उनके अधिकार और विशेषाधिकार दिए जाएंगे। टीकमगढ़ जिले में 70 प्रतिशत से अधिक मतदाता पिछड़े वर्ग के हैं, लेकिन एक विशेष जाति के लोगों को तीन विधानसभा क्षेत्रों से उम्मीदवार बनाया गया है। यह एक अनुचित निर्णय है। इस विशेष जाति के लोगों की संख्या दो प्रतिशत से भी कम है और तीनों पिछले चुनाव में भी हार गए थे।’
उज्जैन के कांग्रेस नेता विवेक यादव कांग्रेस छोड़ आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए। आप के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री डॉ संदीप पाठक ने उन्हें सदस्यता दिलवाई। उज्जैन उत्तर से लगातार उम्मीद लगाए बैठे विक्की यादव को टिकट न देकर पार्टी ने उनके बदले माया राजेश त्रिवेदी को प्रत्याशी बनाया है। नाराज होकर कांग्रेस नेता विक्की यादव ने आम आदमी पार्टी का दामन थाम लिया यदि आम आदमी पार्टी विक्की यादव को उज्जैन उत्तर से उम्मीदवार के रूप में उतारती है तो कांग्रेस को नुकसान होगा और बीजेपी को बड़ा फायदा होगा। माया त्रिवेदी को टिकट मिलते ही कांग्रेस कार्यकर्ता सड़क पर उतर आए और त्रिवेदी का पुतला दहन कर विरोध प्रदर्शन किया। एनएसयूआई के पूर्व जिला अध्यक्ष अंबर माथुर ने बताया कि हम इस घोषणा का विरोध करते हैं क्योंकि कांग्रेस पार्टी ने जिसे अपना कैंडिडेट बनाया है वह अयोग्य है। माया त्रिवेदी के पास कोई कार्यकर्ता नहीं है और वह पूर्व में भी निर्दलीय चुनाव लड़कर कांग्रेस को नुकसान पहुंचा चुकी है। ऐसे व्यक्ति को टिकट देना कहीं ना कहीं गलत है। प्रदर्शनकारी विवेक यादव को टिकट देने का ऐलान कर रहे हैं।
हाईप्रोफाइल दतिया सीट से कांग्रेस ने अवधेश नायक को उम्मीदवार बनाया है। बीजेपी से कांग्रेस में शामिल हुए नायक पर पार्टी कार्यकर्ताओं ने कार्यालय के बाहर पुतला दहन कर विरोध किया। वे नरोत्तम मिश्रा के सामने कांग्रेस के पुराने नेता राजेंद्र भारती को टिकट देने की मांग कर रहे थे। राजेंद्र भारती साल 2018 का चुनाव महज ढाई हजार वोटों से हारे थे। कांग्रेस कार्यकर्ताओं का कहना है कि भारती वर्षों से संघर्ष कर रहे थे और पार्टी द्वारा उनके संघर्ष को अनदेखा किया गया है। खबर मिल रही है कि राजेंद्र भारती राहुल गांधी से मिलने के लिए दतिया से दिल्ली पहुंच चुके हैं। पार्टी नेताओं द्वारा उन्हें मनाने की कोशिशें जारी है।
पूर्वमंत्री महेंद्र बौद्ध ने वापसी की है तो वही गाडरवारा से पूर्व विधायक गोविंद पटेल के पुत्र तथा 2018 में भाजपा प्रत्याशी रहे गौतम पटेल ने कॉंग्रेस का हाथ थाम लिया है।
मनावर के आदिवासी समाज के नेता व जयस(JAYS) पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष लालसिंह बर्मन ने भी आम आदमी पार्टी की सदस्यता ग्रहण की।
ग्वालियर ग्रामीण से टिकट के दावेदार केदार कंसाना ने पहली सूची में अपना नाम नहीं होने पर इस्तीफा दे दिया है। ग्वालियर ग्रामीण से कॉंग्रेस द्वारा साहब सिंह गुर्जर को प्रत्याशी बनाए जाने से पूर्व युवक कॉंग्रेस अध्यक्ष केदार सिंह कंसाना कॉंग्रेस से त्यागपत्र देकर आप बहुजन समाज पार्टी के हाथी पर सवार होकर ग्वालियर ग्रामीण से चुनाव लड़ेंगे।
इसके अलावा इंदौर, उज्जैन, सागर सहित कई जिलों में कांग्रेस प्रत्याशियों ने टिकट वितरण का विरोध किया और इस्तीफे दिए। कांग्रेस प्रत्याशी सुरेंद्र चौधरी का पुतला जलाया गया है।
इंदौर विधानसभा क्षेत्र क्रमांक चार से कांग्रेस ने राजा मंधवानी को अपना प्रत्याशी घोषित किया है। पार्टी के इस फैसले के खिलाफ सैकड़ों कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सोमवार को गांधी भवन कांग्रेस कार्यालय पहुंचकर विरोध-प्रदर्शन करने के साथ ही चक्का जाम किया और राजा मंधवानी का पुतला फुंका। कार्यकर्ताओं का कहना है कि मांधवानी की रातों-रात पैराशूट एंट्री कराई गई है, जो वर्षों से कांग्रेस का झंडा उठा रहे कार्यकर्ताओं को कतई मंजूर नहीं है। प्रदर्शनकारी अक्षय कांतिबम को टिकट देने की मांग कर रहे हैं।
कमलनाथ ने सोमवार को राज्य की राजधानी भोपाल में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि 4000 लोगों ने चुनाव लड़ने की इच्छा जताई थी सीटें 230 है इसलिए पार्टी सभी को टिकट नहीं दे सकती। हालांकि कॉंग्रेस के अंदरूनी सूत्रों से खबर निकल कर आ रही है वह ये है कि इतनी बड़ी बगावत से कुछ कमजोर पड़ रहे प्रत्याशी बदले जा सकते हैं।
वहीं टिकट मिलने की आस लिए कॉंग्रेस में एक बार फिर घर वापसी करने वाले कोलारस से बीजेपी के टिकट पर विधायक बने वीरेंद्र रघुवंशी इस समय काँग्रेस से टिकट कटने पर भारी निराशा की स्थिति में दिखाई दे रहे हैं। वीरेन्द्र ने पिछले दिनों टिकट की आस में भाजपा छोड़ काँग्रेस ज्वाईन की थी और उनका शिवपुरी से चुनाव लडऩा भी तय माना जा रहा था। यही कारण रहा कि उन्होंने आते ही अपनी चुनावी गतिविधियां शिवपुरी विधानसभा क्षेत्र में एकाएक बढ़ा दीं मगर अब नवरात्रों के पहले दिन जो लिस्ट आई उसमेंं वीरेन्द्र रघुवंशी को टिकट न देकर काँग्रेस ने पिछोर के अपराजित योद्धा और कद्दावर विधायक केपी सिंह कक्काजू को शिवपुरी विधानसभा से ला खड़ा किया है। रघुवंशी का नाम शिवपुरी से लेकर चंदेरी तक कहीं नजर नहीं आया, हालांकि चंदेरी से उनकी सम्भावना जगन्नाथ सिंह को भाजपा द्वारा टिकट दिए जाने के बाद ही भाजपा से भी समाप्त हो गई थीं, अब शिवपुरी से भी पार्टी ने वीरेन्द्र को खाली हाथ ही रखा है। दोनों ही दलों में सिंधिया फैक्टर से परेशान विधायक वीरेंद्र रघुवंशी ने खुद को शिवपुरी से टिकट नहीं मिलने पर इसे कुचक्र बताते हुए सोशल साईट पर एक प्रतिक्रियात्मक वीडियो जारी किया है।